रांचीः पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त हिमांशु शेखर चौधरी ने कहा कि झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो द्वारा मैट्रिक और इंटर में टॉप करने वाले छात्रों को पुरस्कार स्वरूप कार देना सराहनीय प्रयास है. शिक्षा मंत्री द्वारा ये घोषणा करना भी उत्साह वर्धक है कि अगले साल से वो सभी टॉपरों को गोद लेकर उनके आगे की पढ़ाई का सारा खर्च वहन करेंगे.
शिक्षा मंत्री ने अपने इस पहल से न सिर्फ अपने अलग सोच का परिचय दिया है, बल्कि अपने आलोचकों को भी ये बताने का प्रयास किया है कि भले ही उनके पास उच्च शिक्षा की डिग्री न हो लेकिन उनके पास उच्च विचार जरूर है.
उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने शिक्षा मंत्री के 10 वीं पास होने के व्यंग और आलोचना को भी सकारात्मक तरीके से लिया. शिक्षा मंत्री ने 64 वर्ष की आयु में फिर से पढ़ाई शुरू करने का निर्णय लेते हुए इंटर में दाखिला लिया.
उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्री के इस कदम ने ये प्रमाणित किया है कि शिक्षा ग्रहण करने की कोई उम्र नहीं होती, सिर्फ जज्बा और संकल्प की आवश्यकता होती है. शिक्षा मंत्री का इस उम्र में इंटर में दाखिला लेना कई लोगों को प्रेरित करेगा. इतना ही नहीं शिक्षा मंत्री के इस निर्णय से ये संदेश भी मिलता है कि आलोचनाओं से विचलित होने की जगह प्रेरित होना चाहिये.
शिक्षा मंत्री इंटर में दाखिला लेने के लिए खुद फीस और जरूरी कागजात जमा करने गये. अपनी नतनी का फीस जमा करने भी खुद बोकारो के एक निजी स्कूल गये. शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो का ये कदम भी बच्चों और बड़ो को ये पाठ पढ़ा गया होगा कि चाहे सफलता जितनी बड़ी हो या पद जितना बड़ा हो विनम्रता और सादगी उतनी ज्यादा होनी चाहिये.