रांची: ज्योतिष की राय में पंडित सुनील तिवारी – झारखंड की स्थापना कुंडली इंगित करती है कि राज्य बदलाव के दौर से गुज़र रहा है जो मतदाताओं में विरोधी लहर को भी दिखाता है. यही कारण है कि कुछ निर्वाचन क्षेत्रों या सीटों पर चौंकाने वाले नतीजे देखने को मिल सकते हैं. सभी मापदंडों को ध्यान में रखते हुए, ऐसा लगता है कि सत्तारुढ़ दल को कठोर चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा और भाजपा के लिए नेतृत्व बनाए रखना बहुत मुश्किल हो सकता.
ज्योतिषीय विश्लेषण को देखते हुए तो यही आसार नजर आ रहे हैं. भाजपा को सत्ता में बने रहने और अपनी साख को बचाये रखने के लिए काफी मशक्कत तो करनी ही पड़ सकती है लेकिन इसके साथ ही हाल ही में हुए हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों की तरह झारखंड में भी बीजेपी को बहुमत साबित करने के लिए बगलें झांकना पड़ सकता है. मुझे नहीं लगता कोई एक दल अपने बलबूते सरकार बना सकती है.
वर्तमान सत्ताधारी पार्टी भाजपा अभी चंद्रमा के प्रमुख और राहु के उप अवधि प्रभाव में है. साढ़े साती का भी अंतिम चरण चल रहा है. जो यह दर्शाता है कि सत्तारूढ़ दाल को अपनी सरकार बचाये रखने के लिए कड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा.
झारखंड की स्थापना कुंडली के अनुसार 8 वें घर का स्वामी बृहस्पति चुनावों के परिणाम वाले दिन 10वें घर से होकर गुजरेगा जिसके स्वामी शुक्र है. ये वर्तमान सरकार यानि भाजपा के लिए अच्छा संकेत नहीं है. हालांकि, स्थापना कुंडली के अनुसार बृहस्पति 5वें घर का स्वामी भी है और यह परिणाम की तारीख में चंद्रमा और लग्न दोनों पर दृष्टि डालेगा. इससे सत्ता पक्ष को थोड़ी बहुत मदद मिल सकती है.