कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक डॉक्टर के बेटे की समय से इलाज नहीं मिलने पर मौत होने का मामला सामने आया है. इस मामले में अब समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी ट्वीट किया है. जिसमें उन्होंने सरकार से मांग की है कि स्वास्थ्य विभाग को सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराए जाएं ताकि मेडिकल स्टाफ मरीजों को छूने से न डरें.
कहा जा रहा है कि डॉक्टर अपने बेटे को हैलट अस्पताल लेकर पहुंचे थे जहां स्वास्थ्य कर्मचारियों ने उसे हाथ नहीं लगाया. डॉक्टर किसी तरह बेटे को आईसीयू तक खुद लेकर आए और बाद में उनके बेटे की मौत हो गई. इंदिरानगर निवासी डॉ. राकेश चंद्र पाण्डेय होम्योपैथिक चिकित्सक हैं. उनका बेटा आनंद पाण्डेय होम्योपैथिक दवा निर्माण की यूनिट संभालता था. एक साल पहले ही उसकी शादी हुई थी और उसे तीन महीने की बेटी है. राकेश चंद्र ने कहा कि उनके बेटे की तबीयत खराब हो गई थी. वह रविवार को उसे लेकर हैलट अस्पताल पहुंचे.
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मगर, वहां स्ट्रेचर मांगा लेकिन उन्हें स्ट्रेचर नहीं मिला. एक पुलिस वाले ने उन्हें स्ट्रेचर लाकर दिया. उन्होंने वॉर्ड बॉय से मदद मांगी लेकिन किसी ने भी उनकी मदद नहीं की. उन्होंने बताया कि सब कोरोना के डर से दूर भाग गए. वह किसी तरह बेटे को लेकर अस्पताल के अंदर पहुंचे. यहां पर अकेले थे लेकिन कोई उनकी मदद को नहीं आया. फिर काफी देर बाद उनके बेटे को आईसीयू में रखा गया लेकिन कुछ देर बाद उसकी मौत हो गई. थाना प्रभारी अश्विनी पांडेय ने बताया कि पोस्टमॉर्टम में आनंद की मौत का कारण स्पष्ट नहीं हुआ है इसलिए उसका बिसरा सुरक्षित कर लिया गया है. तहरीर मिलने पर कार्रवाई की जाएगी.