रांची : रांची के डीजल ऑटो के लिए तीन जून को विभिन्न रूटों के लिए जो भाड़ा जारी किया गया है उसे झारखंड प्रदेश डीजल ऑटो चालक महासंघ के संस्थापक दिनेश सोनी प्रदेश अध्यक्ष रामकुमार सिंह रांची महानगर ई-रिक्शा चालक यूनियन के संरक्षक नंदन सिंह एवं अध्यक्ष विकास श्रीवास्तव ने फर्जी बताया है. यूनियन के नेताओं ने संयुक्त बयान जारी कर बताया है कि कुछ फर्जी रांची जिला ऑटो चालक यूनियन का नाम से जो भाड़ा लिस्ट जारी किया गया है उस सूची का महासंघ पूरी तरह से खंडन करता है. नेताओं का कहना है कि वह भाड़ा न ही यात्री के हित में है और न ही चालक का हित में है. यह सूची सिर्फ 25 से 30 ऑटो के लिए है जो खुद मालिक हैं. वह चाह रहे हैं कि लॉकडाउन की वजह से जो दो महीने का नुकसान हुआ है, उस नुकसान को मेकअप कर ले. नेताओं ने कहा कि फर्जी यूनियन वाले लोग यातायात एसपी को भी बदनाम करने का प्रयास कर रहे हैं. भाड़ा तय करने में यातायात विभाग का कोई मतलब नहीं होता है तो फिर यातायात किस अधिकार से स्वीकृति देंगे. यूनियन ऐसे फर्जी लोगों पर कार्रवाई की मांग करेगा. महासंघ के पदाधिकारियों को संयुक्त परिवहन आयुक्त ने यह आश्वासन दिया कि मोटर वाहन अधिनियम के तहत विभिन्न दस्तावेजों और प्रमाण पत्रों की वैधता 30 जून तक बढ़ायी गयी है. इसकी एक प्रति रांची के ट्रैफिक एसपी को भी भेजी दी जाएगी.
महासंघ द्वारा तय भाड़ा ही लें ऑटो चालक :
सभी ऑटो चालकों से महासंघ के संस्थापक दिनेश सोनी ने आग्रह किया है कि लॉकडाउन पूरी तरह से समाप्त होने का बाद यात्री भाड़ा की सूची सभी ऑटो में चिपका दी जायेगी. सभी ऑटो चालकों से महासंघ द्वारा तय किये भाड़ा ही लें. दो सवारी बैठाते हैं तो दुगना भाड़ा लें और अगर चार सवारी बैठाते हैं तो डेढ़ गुना भाड़ा ही लें. महासंघ की ओर से फिलहाल यही तय किया गया है.