आजादी की लड़ाई में सक्रिय रही दिग्गज अदाकारा दीना पाठक का जन्म गुजरात के अमरेली में 4 मार्च, 1922 को हुआ था. आपको जानकर हैरानी होगी कि उन्होंने ताउम्र अपनी जिंदगी किराये के मकान में गुजार दी, लेकिन अपनी जिंदगी के अंतिम दिनों में उन्होंने जाकर एक घर खरीदा. 11 अक्टूबर, 2002 को मुंबई में उनकी मृत्यु हो गई थी उस वक्त वो 80 साल की थीं. दीना पाठक की बड़ी बेटी रत्ना पाठक शाह और छोटी बेटी सुप्रिया पाठक आज अभिनय की दुनिया में जाना-पहचाना नाम हैं. रत्ना की शादी नसीरुद्दीन शाह से हुई और सुप्रिया की पंकज कपूर से.
दीना पाठक बॉलीवुड की उन अभिनेत्रियों में से हैं जिन्होंने अपने अभिनय की काबिलियत से कई बड़े-बड़े लोगों को पीछे छोड़ दिया. फिल्मों में उन्हें देख ऐसे लगता था कि पड़ोस में ही रहने वाली कोई बुजुर्ग महिला है या फिर अपनी ही दादी हैं. दीना पाठक स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान काफी सक्रिय थीं. आलम ये था कि मुंबई की सेंट जेवियर्स कॉलेज से उन्हें निकाल दिया गया था.
मार्च 1979 में ‘फिल्मफेयर’ पत्रिका में दीना पाठक ने बताया था कि कॉलेज से बाहर निकाले जाने के बाद उन्होंने दूसरे कॉलेज में पढ़ाई कर अपनी बी.ए. की डिग्री ली. दीना की शादी बलदेव पाठक से हुई. वह मुंबई में गेटवे ऑफ इंडिया के पास कपड़े सिलने की दुकान चलाते थे. बलदेव पाठक, राजेश खन्ना और दिलीप कुमार के कपड़े डिजाइन करते थे. उन्होंने ही राजेश खन्ना के लिए ‘गुरु कुर्ता’ और ऐसे अन्य कपड़े डिजाइन किए थे.
120 से ज्यादा फिल्मों में किया काम
दीना के पति बलदेव अपने आप को इंडिया का पहला डिजाइनर कहते थे हालांकि राजेश खन्ना की फिल्मों के करियर में जब गिरावट होनी शुरू हुई तो बलदेव की दुकान पर भी असर पड़ा. बाद में उन्हें अपनी दुकान बंद करनी पड़ी और 52 साल की उम्र में दीना पाठक के पति का निधन हो गया. दीना पाठक ने 120 से ज्यादा फिल्मों में काम किया और उनका अभिनय करियर 60 साल लंबा था. फिल्मों के साथ-साथ वो गुजराती थियेटर में भी काफी सक्रिय थीं. उन्हीं के प्रभाव के चलते दीना पाठक की दोनों बेटियां रत्ना और सुप्रिया थियेटर में आईं. रत्ना ने नसीरुद्दीन शाह से शादी की वहीं सुप्रिया पाठक पंकज कपूर की पत्नी हैं.
दीना पाठक के यादगार रोल में ऋषिकेश मुखर्जी की फिल्म ‘गोलमाल’ (1979) जिसमें वे रामप्रसाद/लक्ष्मण प्रसाद की नकली मां बनती हैं.
फिल्म ‘खूबसूरत’ में वो गुप्ता परिवार की कड़क मुखिया निर्मला गुप्ता बनी थीं. गुलजार की फिल्म ‘मीरा’ (1979) में उन्होंने राजा बीरमदेव की रानी कुंवरबाई का रोल किया. गोविंद निहलानी की सीरीज ‘तमस’ (1988) में बंतो की भूमिका की. ऐसी और भी बहुत सी फिल्में हैं जिसमें दीना पाठक ने अपनी अलग छाप छोड़ी.