रांची: आज का पंचांग, आपका दिन शुभ (मंगलमय) हो.
● दिनांक – 24 अप्रैल 2020
● दिन – शुक्रवार
●विक्रम संवत – 2077
●शक संवत – 1942
●अयन – उत्तरायण
●ऋतु – ग्रीष्म
●मास – वैशाख
●पक्ष – शुक्ल
●तिथि -प्रतिपदा 10:00 तक तदुपरांत द्वितीया
●नक्षत्र -भरणी 18:38 तक तदुपरांत कृत्तिका
●योग – आयुष्मान 23:30 तक तदुपरांत सौभाग्य
●करण- बव 10:00 तक तदुपरांत बालव 22:58 तक… कौलव
● दिशाशूल – पश्चिम, दक्षिण पश्चिम ,यदि आवश्यक हो तो दही खाकर यात्रा प्रारम्भ करें।
●चन्द्र राशि- मेष
●सूर्य राशि- मेष
●सूर्य नक्षत्र- अश्विनी
●चन्द्र नक्षत्र- भरणी 18:38 तक तदुपरांत कृत्तिका
●सूर्योदय – 05:59
●सूर्यास्त – 18:49
● राहुकाल – 10:30-12:00
● अभिजीतमुहूर्त – 12:01 – 12:42
●शुभ रंग- चमकीला श्वेत
आज का चौघड़िया :-
चर – 05:59 – 07:36
लाभ – 07:36 – 09:13
अमृत- 09:13 – 10:49
शुभ – 12:25 – 14:01
चर – 17:14 – 18:50
आज का विचार :-
हर मनुष्य के भीतर देवासुर संग्राम निरन्तर चलता ही रहता है।हर मनुष्य के भीतर सत् और असत् दोनों स्थितियां रहती है।कभी सत् के ऊपर असत् भारी हो जाता है तब इच्छाएं, कामनाएं, मोह, तृष्णा, आलस्य, प्रमाद, अभिमान हमारे भीतर तीव्र हो जाता है और हमारा सत् दब जाता है लेकिन कभी समाप्त नहीं होता है।परन्तु जब हमारे अन्दर सत् जाग्रत होता है तब हम मंथन के द्वारा अपने भीतर का जहर निकाल देते हैं।और अपनी इच्छाओं, कामनाओं, मोह, तृष्णा को नियंत्रित कर लेते हैं।जब इन पर हमारा नियन्त्रण हो जाता है तो सब परिस्थितियां हमारे लिए सुखदायक, आनन्ददायक बन जाती है।
आज का मंत्र :-
ॐ जयंती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोस्तुते।
आरोग्यं :-
◆◆ गुणकारी पुदीना :-
◆◆ पुदीना गर्मियों में विशेष उपयोगी एक सुगंधित औषध है. यह रुचिकर, पचने में हलका, तीक्ष्ण, ह्रदय-उत्तेजक, विकृत कफ हो बाहर लानेवाला, गर्भाशय-संकोचक बी चित्त को प्रसन्न करनेवाला हैं. पुदीने के सेवन से भूख खुलकर लगती है और वायु का शमन होता हैं. यह पेट के विकारों में विशेष लाभकारी है. श्वास, मुत्राल्पता तथा त्वचा के रोगों में भी यह उपयुक्त हैं.
◆ 1. पेट के रोग : अपच, अजीर्ण, अरुचि, मंदाग्नि, अफरा, पेचिश, पेट में मरोड़, अतिसार, उलटियाँ, खट्टी डकारें आदि में पुदीने के रस में जीरे का चूर्ण व आधे नींबू का रस मिलाकर पीने से लाभ होता है.
◆ 2. मासिक धर्म : पुदीने को उबालकर पीने से मासिक धर्म की पीड़ा तथा अल्प मासिक स्राव में लाभ होता हैं. अधिक मासिक स्त्राव में यह प्रयोग न करें.
◆ 3.गर्मियों में : गर्मी के कारण व्याकुलता बढने पर एक गिलास ठंडे पानी में पुदीने का रस तथा मिश्री मिलाकर पीने से शीतलता आती है.
◆ 4.पाचक चटनी : ताजा पुदीना, काली मिर्च, अदरक, सेंधा नमक, काली द्राक्ष और जीरा – इन सबकी चटनी बनाकर उसमें नींबू का रस निचोड़कर खाने ने रूचि उत्पन्न होती है, वायु दूर होकर पाचनशक्ति तेज होती है. पेट के अन्य रोगों में भी लाभकारी है.
◆ 5. उलटी-दस्त, हैजा : पुदीने के रस में नींबू का रस, अदरक का रस एवं शहद मिलाकर पिलाने से लाभ होता है.
◆ 6. सिरदर्द : पुदीना पीसकर ललाट पर लेप करें तथा पुदीने का शरबत पियें.
◆ 7. ज्वर आदि : गर्मी में जुकाम, खांसी व ज्वर होने पर पुदीना उबाल के पीने से लाभ होता हैं.
◆ 8. नकसीर : नाक में पुदीने के रस की 3 बूंद डालने से रक्तस्त्राव बंद हो जाता हैं.
◆ 9. मूत्र-अवरोध : पुदीने के पत्ते और मिश्री पीसकर 1 गिलास ठंडे पानी में मिलाकर पियें.
◆ 10. गर्मी की फुंसियां : समान मात्रा में सूखा पुदीना एंव मिश्री पीसकर रख लें. रोज प्रात: आधा गिलास पानी में 4 चम्मच मिलाकर पियें.
आज और कल विशेष :-
● 24 अप्रेल- मानव एकता दिवस आज।
● 25 अप्रेल- परशुराम जयंती कल।
● 25 अप्रेल- विश्व मलेरिया दिवस कल।