जमशेदपुर/रांची: झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिला मुख्यालय जमशेदपुर में कोरोना संक्रमित के शव को जलाने को लेकर रविवार को जमकर हंगामा हुआ.
हंगामे के दौरान दो महिला पुलिसकर्मी घायल हो गयी. वहीं पुलिस पर पथराव करने के आरोप में कई महिलाओं समेत दस लोगों को हिरासत में लिया गया है.
जबकि आईसीएमआर के गाइडलाइन के मुताबिक पुलिस सुरक्षा के बीच एक कोरोना संक्रमित के शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया. वहीं दूसरी कोरोना संक्रमित महिला मरीज के शव की अंत्येष्टि की भी तैयारी की जा रही है.
जमशेदपुर में कोरोना संक्रमित पहले मरीज की शनिवार को इलाज के क्रम में सोनारी के रहने वाले 71 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गयी. आईएमसीआर के गाइडलाइन के अनुसार, मृतक के शव को प्रशासन द्वारा रविवार सुबह भुईंयाडीह स्थित बर्निंग घाट लाया गया, यहां इलेक्ट्रिक शवदागृह में प्रशासन की मौजूदगी में मृतक के कुछ परिजनों की ओर से अंत्येष्टि की प्रक्रिया शुरू की गयी.
इस बीच आसपास रहने वाले लोगों ने शव को यहां जलाने का विरोध करना शुरू कर दिया. विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना है कि कोरोना संक्रमित शव जलाने से पूरे इलाके में संक्रमण फैल जाएगा.
इस दौरान पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों ने लोगों को समझाने का प्रयास किया. अधिकारियों ने विरोध कर रहे लोगों को बताया कि शवदाह गृह में शव जलाने से किसी तरह का संक्रमण नहीं फैलता है, वे लोग मौके पर मौजूद है और यदि संक्रमण फैलता, तो उन्हें भी खतरा होता.
पुलिस-प्रशासन के समझाने के बाद अधिकांश लोग समझ गये और शांत हो गये, इस बीच कुछ महिलाओं ने पीछे से दो महिला पुलिसकर्मियों पर पत्थर से वार दिया गया.
घायल महिला पुलिसकर्मियों को तत्काल एमजीएम अस्पताल भेज दिया गया, वहीं लाठीचार्ज कर भीड़ को तितर-बितर किया गया. इस दौरान पथराव करने वाली महिलाओं के अलावा कुछ अन्य लोगों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है.
इधर, जमशेदपुर के साकची बाराद्वारी की रहने वाली 88 वर्षीय एक अन्य कोरोना संक्रमित महिला की भी शनिवार को मौत हो गयी है. वह महिला भी कई गंभीर बीमारियों से पीड़ित थी और इलाज के लिए अस्पताल में भर्त्ती कराने के बाद वह भी कोरोना पॉजिटिव मिली थी. इस महिला के भी अंतिम संस्कार की प्रक्रिया चल रही है.