रांचीः नगर विकास अजय कुमार सिंह ने मंगलवार को केंद्र प्रायोजित अमृत योजना के तहत चल रही बड़ी-बड़ी परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की. इस समीक्षा बैठक में मुख्य रूप से अमृत स्कीम के तहत चल रही शहरी पेयजल आपूर्ति योजना और सीवरेज स्कीम की प्रगति की समीक्षा करते हुए सचिव ने निर्माण कंपनियों को निर्देश दिया की वह समय पर काम पूरा करें.
सचिव ने यह भी कहा कि अब उन्हें एक्सटेंशन नहीं मिलने वाला अगर बार-बार एक्सटेंशन मांगेंगे तो प्रोजेक्ट कॉस्ट की 10% राशि काटी जाएगी. स्टेट अर्बन डेवलपमेंट एजेंसी के निदेशक शशि रंजन ने निर्माण कंपनियों को मैन पावर बढ़ाने और गैंग की संख्या बढ़ाने का निर्देश दिया.
साथ ही निदेशक ने कहा कि कार्य को पूरा करने के लिए जो समय सीमा निर्धारित करते हैं, उसके भीतर काम होना चाहिए. उन्होंने सभी नगर निकायों को हर 15 दिन पर बैठक कर इन महत्वाकांक्षी योजनाओं की समीक्षा करने का निर्देश दिया.
बैठक में रांची और धनबाद जलापूर्ति योजना फेज वन, चास, गिरिडीह, आदित्यपुर जलापूर्ति योजना के साथ-साथ आदित्यपुर सीवरेज योजना की प्रगति की भी समीक्षा की गई. इसके साथ ही रांची स्मार्ट सिटी अंतर्गत निर्माणाधीन कन्वेंशन सेंटर के भी प्रगति की समीक्षा की गई.
बैठक में लिए गए निम्न निर्णय-
- डीपीआर के मुताबिक निर्माण कार्य को जमीन पर उतारने से पहले उसका 3D मॉडल प्रस्तुत किया जाए और वह मॉडल संबंधित शहर के नक्शे के अनुसार बनेगा.
- 20 दिसंबर से पहले उन सभी योजनाओं का 3D मॉडल प्रस्तुत किया जाए जिन्हें शुरू किया जाना है.
- अगर जलमीनार के लिए जगह नहीं मिल रहा है, तो उसके चलते परियोजना के क्रियान्वयन में विलंब नहीं किया जाए. उसकी वैकल्पिक व्यवस्था की जाए या फिर कहीं दूसरी जगह चिन्हित कर उसका इस्तेमाल जिला प्रशासन से एनओसी प्राप्त कर किया जाए.
- जमीन नहीं मिलने की स्थिति में 15 दिसंबर से पहले या तो साइट बदल दें या फिर वैकल्पिक जैसे पंप सेट लगाकर प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाएं.
- भविष्य में सड़कों की चौड़ीकरण की संभावना को देखते हुए पाइप लाइन बिछाने की योजना पर काम करें, ताकि फिर से पाइप और शिफ्ट नहीं करना पड़े. खासकर रांची, धनबाद और आदित्यपुर में वाटर सप्लाई और सीवरेज की योजना का एक साथ प्लानिंग हो.
- आदित्यपुर में सीवरेज और वाटर सप्लाई का 3D मॉडल कंबाइंड बनाएं.
- विभिन्न विभागों से जुड़े जमीन और अन्य एनओसी के मुद्दों के समाधान को लेकर विभाग को अवगत कराएं.
- विभाग और स्टेट अर्बन डेवलपमेंट एजेंसी की ओर से सभी विभागों को पत्र लिखकर समस्या बताया जाए. इसके साथ ही उन विभागों के साथ भी समन्वय के लिए एक बैठक किया जाए.
- नगर निगम स्तर के अधिकारी इन योजनाओं की समीक्षा समय-समय पर करें, ताकि इसकी प्रगति और तेज हो सके.