रांची: झारखंड में एक महीने पुराने हेमंत सोरेन सरकार का मंगलवार को पहला मंत्रिमंडल विस्तार हुआ. राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने सात मंत्रियों को पद एवं गोपनीयता की दिलायी. जिन सात मंत्रियों को शपथ दिलायी गयी, उनमें पांच झारखंड मुक्ति मोर्चा और दो कांग्रेस के विधायक शामिल है. इसके साथ ही हेमंत मंत्रिमंडल के सदस्यों की संख्या 11 हो गयी और एक सीट खाली रखी गयी है.
राज्यपाल ने राजभवन स्थित बिरसा मंडप में सातों विधायकों को मंत्री के रूप में शपथ दिलाई जिन्हें मंत्री के रूप में शपथ दिलायी गई उनमें झामुमो विधायक चंपई सोरेन, हाजी हुसैन अंसारी, जगरनाथ महतो, जोबा मांझी, कांग्रेस विधायक बन्ना गुप्ता और बादल तथा झामुमो के मिथिलेश कुमार ठाकुर शामिल है.
इन सात विधायकों के मंत्री बनाए जाने के साथ ही हेमंत सरकार में मंत्रियों की संख्या 10 (मुख्यमंत्री को छोड़कर) हो गई है. कैबिनेट में एक जगह अब भी खाली है. यह किसके हिस्से जाएगा, या कौन मंत्री बनेगा इसका खुलासा होना बाकी है. रघुवर दास की सरकार (2014-2019) में भी एक जगह खाली रह गई थी.
झारखंड सरकार में मुख्यमंत्री के अलावा अधिकतम 11 मंत्री हो सकते हैं
इससे पहले 29 दिसंबर को हेमंत सोरेन ने सत्ता की बागडोर संभाली थी. 29 दिसंबर को कांग्रेस कोटे से दो रामेश्वर उरांव, आलमगीर आलम और राजद से सत्यानंद भोक्ता ने मंत्री पद की शपथ ली थी, तब से मंत्रिमंडल विस्तार का इंतजार किया जा रहा था. राज्य में झामुमो, कांग्रेस और राजद ने गठबंधन के तहत चुनाव लड़ा था. 47 सीटों पर जीत हासिल कर गठबंधन की सरकार बनी है और हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री के तौर पर सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं. वहीं आज बन्ना गुप्ता और बादल के मंत्रिमंडल में शामिल कराए जाने के बाद कांग्रेस के हिस्से चार मंत्री हो गए हैं, जबकि झामुमो से पांच लोग मंत्री बने हैं. झामुमो टिकट पर ही नाला से निर्वाचित विधायक रवींद्र नाथ महतो को विधानसभा का अध्यक्ष बनाया गया है.
शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, मंत्री आलमगीर आलम, रामेश्वर उरांव, सत्यानंद भोक्ता, विधानसभा अध्यक्ष रवीन्द्र नाथ महतो , झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष शिबू सोरेन, कांग्रेस के झारखंड प्रभारी आरपीएन सिंह समेत गठबंधन में शामिल कई विधायक, नेता व कार्यकर्ता और वरीय पुलिस प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे.