हजारीबाग: जिले में दो साथी जोड़ीदारों के लिए खेती, आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनने का माध्यम बना है. इससे वे ना केवल खुद आर्थिक रूप से सशक्त हुए हैं, बल्कि गांव के दो दर्जन से अधिक लोगों को रोजगार भी दे रहे हैं.
जानने योग्य बात यह भी है कि खेती किसानी के काम में यह नया मुकाम हासिल करने वाले देवा महतो पूर्व में चालक की नौकरी किया करते थे, वहीं उनके पार्टनर अनिल कुमार मजदूरी कर गुजर बसर करते थे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के आह्वान से देश में नए विचार का सूत्रपात हुआ है और वह है स्वावलंबी बनने की चाह. हजारीबाग जिला अंतर्गत दारु प्रखंड की रामदेव खरिका पंचायत के गोपलो में दो साथी जोड़ीदारों देवा महतो और अनिल कुमार ने लीज पर 12 एकड़ जमीन लेकर खेती प्रारंभ की है, जिससे वे आत्मनिर्भर बनकर समाज के लिए पथ प्रदर्शक बने हैं.
ये दोनों सफल किसान अपने लीज पर लिए खेतों में खीरा, शिमला मिर्च, बैगन और टमाटर तथा अन्य सब्ज़ियां उगाते हैं. इसकी सप्लाई गिरिडीह, धनबाद, कोडरमा, चतरा जिले के साथ-साथ बिहार के पटना, दरभंगा, मुजफ्फरपुर जैसे जिलों में भी होती है.
देवा महतो और अनिल कुमार की यह दमदार जोड़ी इलाके में रोजगार सृजन में भी सहायक हुई है. उनके खेतों पर कई लोगों को काम मिल रहा है. खुदेजा खातून और सीता देवी को भी काम मिला है, जिससे वे खुश तथा संतुष्ट हैं.
केंद्र सरकार की पहल और प्रोत्साहन से आत्मनिर्भर भारत अभियान अब अपना असर छोड़ता जा रहा है, जिससे कई लोगों में अपने बूते भविष्य गढ़ने की ताकत और हैसियत पैदा हुई है जो न्यू इंडिया की असल तस्वीर पेश करता है.