नई दिल्ली: चीन में इस समय एक वार्षिक बैठक चल रही है. जिसमें ड्रैगन ने अपने रक्षा बजट में इजाफा किया है. हालांकि उसने जीडीपी के बारे यहां पर कोई बात नहीं की है, लेकिन ताइवान और हांगकांग को लेकर इस बैठक में कहा गया है कि वह एक देश, दो प्रणाली के तहत ही चलेंगे.
चीन ने हांगकांग को लेकर कुछ कानून भी बदले हैं, जिसके बाद यह कयास लगाए जा रहे हैं कि चीन अपने पड़ोसियों के प्रति कड़ा रुख अख्तियार करने की कोशिश में लगा हुआ है. इसी को देखते हुए अमेरिका ने भारत को एक रिपोर्ट के माध्यम से चेताया है.
अमेरिका की तरह से जो रिपोर्ट सौंपी गई है, उससे पहले भी दक्षिण एवं मध्य एशिया मामलों से जुड़ी अमेरिका की वरिष्ठ राजनयिक एलिस जी वेल्स ने थिंक टैंक अटलांटिक काउंसिल से कहा था कि चीन यथास्थिति को बदलने की कोशिश के तहत भारत से लगती सीमा और दक्षिणी चीन सागर में लगातार आक्रामक रुख अपना रहा है.
भारत और चीन के बीच सीमा पर तनाव के संबंध में एक सवाल के जवाब में वेल्स ने आरोप लगाया था कि चीन यथास्थिति को बदलने की कोशिश के तहत लगतार भड़काऊ और परेशान करने वाला रुख अख्तियार किए हुए है.
भारत से लगी हुई सीमा पर लगातार चीन अपनी सैन्य ताकत को बढ़ा रहा है, इसी सैन्य हलचल को लेकर अमेरिका ने भारत को आगाह किया है. अमेरिका ने कहा है कि चीन भारत सहित पड़ोसी देशों के साथ सैन्य और अर्धसैनिक गतिविधियों में लगा हुआ है.
व्हाइट हाउस की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन का यह संकेत बेहद खतरनाक है और भारत को इसे हलके में नहीं लेना चाहिए. हालांकि भारत ने चीन के इस क्रियाकलाप का जोरदार विरोध किया है.
भारत के द्वारा लगाई गई चीन को लताड़ का अमेरिका ने भी समर्थन किया है. व्हाइट हाउस की रिपोर्ट में कहा गया है कि बीजिंग पूर्व, दक्षिण चीन सागर और ताइवान सहित भारत की सीमा के पास सैनिक बढ़ाने में लगा हुआ है.
ऐसा करके चीन अपने पड़ोसियों के प्रति अपनी प्रतिबधताओं का खंड़न करता है. कांग्रेस को सौंपी गई इस रिपोर्ट में चीन की गतिविधियों पर चिंता जाहिर की गई है. इसमें कहा गया है कि चीन अब ताकतवर हो चुका हैं और वह अपने पड़ोसियों को डरा-धमकाकर सीमा विस्तार में लगा हुआ है.
बता दें कि 5 मई को लद्दाख के पेंगोंग झील क्षेत्र में भारत और चीन के लगभग 250 सैनिकों के बीच झड़प हो गई थी. इस दौरान दोनों ओर से पथराव भी हुआ था.
इस घटना में दोनों देशों के सैनिक घायल हुए थे. इसी तरह की एक अन्य घटना 9 मई को सिक्किम सेक्टर में नाथूला पास के पास भी हुई थी, जहां दोनों देशों के लगभग 150 सैनिकों के बीच जमकर हाथापाई हुई थी. सूत्रों के अनुसार इस घटना में दोनों पक्षों के कम से कम 10 सैनिक घायल हुए थे.