अमेरिका: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर कहा है कि कोरोना वायरस चीन से ही आया है. उन्होंने कहा कि अमेरिका इसे हल्के में नहीं लेने वाला है.
ट्रंप ने बृहस्पतिवार को मिशिगन में अफ्रीकी अमेरिकी नेताओं के साथ एक सुनवाई सत्र में भाग लेने के दौरान कहा, “कोरोना वायरस चीन से आया है. हम इसे लेकर खुश नहीं हैं. हमने व्यापार समझौता किया, जिसकी स्याही सूखी भी नहीं थी, कि हालात बिगड़ गए.”
हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति ने इस बात को लेकर कोई संकेत नहीं दिया कि चीन के खिलाफ वह कौन सा कदम उठाने पर विचार कर रहे हैं. इस बीच, ट्रंप प्रशासन पर कोरोना की स्थिति को लेकर रिपब्लिकन सीनेटर का दबाव बढ़ता जा रहा है.
रिपब्लिकन सीनेटर ट्रेड क्रूज, रिक स्कॉट ने माइक ब्रोन, मार्शा ब्लैकबर्न, जॉनी अर्नस्ट, मार्था मैकेस्ली और टॉम कॉटन के साथ कोविड-19 वैक्सीन प्रोटेक्शन एक्ट पेश किया था ताकि, चीन की कम्युनिस्ट पार्टी से वैक्सीन के शोध को चुराने और गड़बड़ी से बचाया जा सके. इस बिल में होमलैंड सिक्योरिटी विभाग, राज्य विभाग और एफबीआई की तरफ से कोविड- 19 वैक्सीन अनुसंधान से संबंधित गतिविधियों में भाग लेने वाले सभी चीनी छात्र वीजा धारकों को गहन जांच के बाद अनुमति देने की मांग की गई है.
क्रूज ने कहा, कम्युनिस्ट पार्टी ने कोरोना महामारी का प्रकोप दुनिया से छिपाए रखा. वह लगातार राष्ट्र प्रायोजित बौद्धिक संपदा की चोरी में भी शामिल है. हम चीन को अमेरिकी अनुसंधान और वैक्सीन के विकास के साथ चोरी या हस्तक्षेप की इजाजत नहीं दे सकते.