नई दिल्ली: कोरोना वायरस महामारी के बीच देश में टिड्डियों का आतंक भी बढ़ता ही जा रहा है. उत्तर भारत में टिड्डियों ने काफी नुकसान पहुंचाया है. इस टिड्डी जल ने पाकिस्तान के रास्ते राजस्थान से होते हुए देश के कई हिस्सों पर धावा बोला है. टिड्डियों ने पंजाब, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश में फसलों को क्षति पहुंचाई है. इनका प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है. इस टिड्डी हमले को 27 साल में सबसे खतरनाक माना जा रहा है. बीते साल पाकिस्तान के रास्ते राजस्थान में आने वाले इस टिड्डी दल ने उत्तर और मध्य भारत में स्थित कई राज्यों के किसानों को प्रभावित किया है.
इसी बात को ध्यान में रखते हुए दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक में अधिकारियों ने गुरुवार को अलर्ट जारी कर दिया है. टिड्डियों के इन राज्यों में प्रवेश करने की संभावना जताई जा रही है. इस बीच यूनाइटेड नेशन के खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) ने चेतावनी दी है कि आने वाले हफ्तों में ये दल बिहार और ओडिशा तक पहुंच सकते हैं. बता दें पूरी दुनिया में टिड्डियों की 10 हजार से ज्यादा प्रजातियां पाई जाती हैं लेकिन भारत में केवल चार (रेगिस्तानी टिड्डा, प्रव्राजक टिड्डा, बंबई टिड्डा और पेड़ वाला टिड्डा) मिलती है. इनमें सबसे खतरनाक रेगिस्तानी टिड्डा होता है.
दिल्ली सरकार ने टिड्डियों के संभावित हमले को रोकने के लिए अधिकारियों से खड़ी फसलों और बाग बगीचों में कीटनाशक का छिड़काव करने के लिए कहा है. इसे लेकर एक परामर्श जारी किया गया है, जिसमें हमले को रोकने के लिए अधिकारियों से आम जनता से लेकर किसानों तक को जागरुक करने को कहा गया. परामर्श में कहा गया है कि टिड्डी दल दिन के समय उड़ान भरता है और रात में आराम करता है, तो ऐसे में इन्हें रात में ठहरने नहीं देना है. साथ ही नर्सरी के पौधों को भी ढंकने को कहा गया है. उत्तर प्रदेश के भी कई जिले अलर्ट पर हैं.
महाराष्ट्र में टिड्डियों की रोकथाम के लिए सभी तरह के कदम उठाए जा रहे हैं. महाराष्ट्र के भंडारा में टिड्डियों ने प्रवेश कर लिया था. जिसके बाद यहां कीटनाशकों का छिड़काव किया गया. यहां इस दल ने सबसे ज्यादा नुकसान आम के पेड़ों को पहुंचाया है. हालांकि वह खेतों को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा सके. पालगढ़ जिले में भी किसानों को अलर्ट पर रहने को कहा है.
हरियाणा और कर्नाटक सहित बाकि सभी राज्यों ने भी टिड्डी हमले को रोकने के लिए पूरी तैयारी कर ली है. इसके साथ ही कुछ लोगों ने मुंबई में टिड्डी के आने की बात सोशल मीडिया पर कही थी जिसे बाद में बीएमसी ने खारिज कर दिया. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने गुरुवार को टिड्डी नियंत्रण कार्यों की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की है. बैठक को लेकर एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि भारत ने टिड्डी खतरे को नियंत्रित करने के लिए 47 स्प्रे उपकरण और 200 अधिकारियों को तैनात किया है.