दिल्ली: पूर्वी लद्दाख पर भारतीय और चीनी सेना तीन स्थानों पर एक-दूसरे के सामने से पीछे हट चुकी हैं. ऐसे में अब भारत चाहता है कि सीमा पर जारी विवाद पूरी तरह से तब खत्म होगा जब चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के 10,000 सैनिकों को हटाएगा.
इसके अलावा भारतीय क्षेत्र के पास तैनात टैंक रेजीमेंट और तोपों को भी हटाने के लिए कहा गया है. भारत का कहना है कि ऐसा बुधवार से शुरू होने वाली दोनों पक्षों के बीच बातचीत से पहले विश्वास निर्माण उपाय के तौर पर किया जाना चाहिए. इससे पहले छह जून को दोनों पक्षों के बीच कमांडर स्तर की वार्ता हुई थी.
भारतीय और चीनी सैनिक गलवां घाटी क्षेत्र (पैट्रोलिंग पॉइंट 14), पैट्रोलिंग पॉइंट 15 और हॉट स्प्रिंग्स (पैट्रोलिंग पॉइंट 17) सहित तीन स्थानों पर दो-ढाई किलोमीटर की दूरी पर पीछे हट गए हैं.
सरकारी सूत्रों ने समाचार एजेंसी से कहा, ‘पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में सेनाएं पीछे हट गई हैं लेकिन हम चाहते हैं वह अपने 10,000 से अधिक सैनिकों को एलएलसी के पास से हटा दे.’
सूत्र ने आगे कहा, ‘सेनाओं का पीछे हटना ठीक है लेकिन तनाव केवल तभी कम होगा जब चीन अपने सैनिकों के साथ ही भारी भरकम तोपों, टैकों और इन्फेंटरी कॉम्बैट व्हीकल को एलएसी के पास से हटाएगा.’
सूत्रों ने बताया कि चीनी तैनाती के मद्देनजर, भारतीय पक्ष ने पीएलए से मिलान करने और उसके द्वारा किसी भी तरह की गतिविधियों को रोकने के लिए लद्दाख सेक्टर में 10,000 से अधिक सैनिकों को तैनात किया है.