नई दिल्लीः भारतीय क्रिकेट टीम के बल्लेबाज और विकेटकीपर लोकेश राहुल ने एक बड़ा खुलासा किया है. राहुल ने बताया कि उनके करियर में एक दौर ऐसा भी आया जब वो स्वार्थी हो गए थे और टीम से ज़्यादा खुद के बारे में सोचते थे.
बीते साल एक टीवी शो में महिलाओं को लेकर टिप्पणी करने के बाद जब राहुल को बैन झेलना पड़ा तो इससे उनकी खेल के प्रति सोच पूरी तरह से बदल गई, जिसका नतीज़ा ये हुआ कि वह लगातार अच्छा प्रदर्शन करने लगे.
राहुल ने कहा, मैंने 2019 के बाद अलग तरह से सोचना शुरू किया और मेरे अच्छे प्रदर्शन का काफी श्रेय इसी को जाता है. उस बैन और जो कुछ हुआ तो तब मैं स्वार्थी होना चाहता था और खुद के लिए खेलना चाहता था, लेकिन मैं नाकाम रहा.
इसलिए मैंने खुद से कहा कि मुझे वह सब करना चाहिए जो टीम मुझसे चाहती है. राहुल और हार्दिक पंड्या को ‘कॉफी विद करण कार्यक्रम में की गई टिप्पणियों के कारण कड़ी आलोचना झेलनी पड़ी थी.
इसके बाद बीसीसीआई ने उन्हें सस्पेंड कर दिया और उन्हें ऑस्ट्रेलिया दौरे के बीच से ही वापस भारत बुला लिया गया. इस पर राहुल ने कहा बैन के बाद उन्हें अहसास हुआ कि क्रिकेटर का करियर कितना छोटा होता है और ऐसे में उन्होंने अपनी ऊर्जा सही दिशा में लगानी शुरू की.
हम सभी जानते हैं कि हमारा करियर बहुत लंबा नहीं होता है. 2019 के बाद मुझे अहसास हुआ कि मेरे पास अभी 12 या 11 साल बचे हुए हैं.
मुझे अपना सारा समय और ऊर्जा एक अच्छा खिलाड़ी और टीम मैन बनने पर लगानी चाहिए. राहुल की सोच बदली और उनका भाग्य चमक गया और उन्होंने लिमिटेड ओवर क्रिकेट में न सिर्फ ऋषभ पंत की जगह विकेटकीपिंग का जिम्मा संभाला बल्कि वनडे और टी-20 में भी दमदार प्रदर्शन किया.
इस बदलाव को लेकर राहुल ने कहा सोच में बदलाव में वास्तव में मदद मिली और जब मैंने टीम के लिए अच्छा करने, एक चैंपियन टीम का हिस्सा बनने और मैच में अपने खेल से बदलाव लाने के बारे में सोचना शुरू किया तो इससे काफी दबाव भी हट गया.