रांची: झारखंड की दो राज्यसभा सीटों के लिए 3 उम्मीदवार चुनाव मैदान में है. झारखंड मुक्ति मोर्चा से शिबू सोरेन हैं, तो भाजपा ने अपने प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश को मैदान में उतारा है, जबकि कांग्रेस की तरफ से शहजादा अनवर प्रत्याशी हैं.
विधायकों के आंकड़े के लिहाज से झामुमो सुप्रीमो और प्रत्याशी शिबू सोरेन का राह आसान है. हालांकि सोमवार को धनबाद जेल में बंद भाजपा विधायक ढुल्लू महतो की औपबंधिक जमानत याचिका खारिज होने से थोड़ी मुश्किलें बढ़ी है.
हालांकि ढुल्लू महतो के पास राज्यसभा चुनाव में मतदान की अनुमति को लेकर अलग से याचिका दायर करने का विकल्प बचा है. वहीं निर्दलीय विधायक सरयू राय द्वारा खुल कर दीपक प्रकाश के समर्थन में आगे आने और दूसरे निर्दलीय विधायक अमित कुमार द्वारा भी पूर्व में ही दीपक प्रकाश को समर्थन दिये जाने की घोषणा दीपक प्रकाश की राह आसान हुई है.
दूसरी तरफ भारत निर्वाचन आयोग ने झारखंड विकास मोर्चा के भाजपा में विलय के बाद दो विधायक प्रदीप यादव और बंधु तिर्की को मतदाता सूची निर्दलीय बताये जाने के निर्णय भी कांग्रेस प्रत्याशी की स्थिति थोड़ी कमजोर हुई है.
राज्य की एक सीट के लिए संख्या बल के आधार पर झामुमो प्रत्याशी शिबू सोरेन की जीत तो लगभग तय मानी जा रही है, जबकि दूसरी सीट के लिए कांग्रेस और भाजपा के पास अपने दम पर जीतने के लिए पर्याप्त आंकड़े नहीं हैं, लेकिन जिस तरीके से आजसू पार्टी जिनके दो विधायक हैं.
उन्होंने भाजपा उम्मीदवार को समर्थन देने की बात कही है और दो निर्दलीय भाजपा के साथ है. ऐसे में दीपक प्रकाश का जीतना भी लगभग तय है. लेकिन झारखंड में राज्यसभा चुनाव में जोड़-तोड़ का पुराना इतिहास रहा है और इस बार भी वो कवायद तेज हो गई है.
हाल के दिनों में विधानसभा के दलीय आकड़ों में भी बदलाव हुआ है. कांग्रेस के विधायक राजेंद्र सिंह का निधन हो गया है, जिसके कारण कांग्रेस के विधायकों की संख्या 16 से घटकर 15 हो गई है.
इसके अलावा झारखंड विकास मोर्चा के दो विधायक प्रदीप यादव और बंधु तिर्की कांग्रेस के साथ है . इस प्रकार कांग्रेस के लिए अच्छी खबर ये है कि अब 17 विधायकों का ठोस समर्थन उसे हासिल है. इसी खेमे में राजद का एक विधायक भी हैं.
विधानसभा की इस समय सदस्य संख्या 80 है इसमें से एक अन्य सदस्य और उन्हें वोटिंग का अधिकार नहीं है. इस प्रकार कुल 79 विधायक ही राज्यसभा चुनाव में वोट कर सकेंगे. प्रथम वरीयता में 27 वोट मिलने वाला निर्वाचित हो जाएगा.
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के एक विधायक कमलेश सिंह हैं लेकिन उनकी स्थिति स्पष्ट नहीं है. इस बीच सुदेश महतो की आजसू पार्टी ने भाजपा उम्मीदवार दीपक प्रकाश का प्रस्तावक बन कर भाजपा उम्मीदवार के चिंता की लंकीरों को थोड़ा कम तो जरुर किया है.
दुबारा चुनाव के तारीखों की घोषणा के बाद राज्य में राजनीतिक पारा भी गर्म हो गया है. महागठबंधन की प्रमुख पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रवक्ता मनोज कुमार पांडे उर्फ बबलू पांडे ने भाजपा के विरोध में जीत कर विधानसभा पहुंचे सभी दलों और विधायकों से महागठबंधन के उम्मीदवार को वोट देने की अपील की है.
जबकि भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा उम्मीदवार दीपक प्रकाश ने जीत का दावा करते हुए सत्ता पक्ष पर जोड़-तोड़ का आरोप लगाया है.
तीन में से दो उम्मीदवारों को राज्यसभा जाना है. खास बात यह है कि इस बार झारखंड में तीनों उम्मीदवार स्थानीय हैं. राज्यसभा चुनाव के दौरान झारखंड मे हार्स ट्रेडिंग का इतिहास रहा है और विवाद भी सामने आया है. ऐसे में इस बार के चुनाव में भी नजरें पुरानी कहानी पर हैं.