रांची: झारखंड की राजधानी रांची स्थित विवेकानंद सरोवर यानी बड़ा तालाब में जलकुंभी फैल जाने के कारण यह जलाशय की जगह हरा-भरा मैदान के रूप में तब्दील हो गया है. इस तालाब के जलकुंभी को स्थायी रूप से हटाने में करीब दस महीने का समय लगेगा.
सोमवार को रांची नगर निगम की ओर से जलकुंभी हटाने को लेकर व्यापक अभियान की शुरुआत की गयी. नगर आयुक्त मनोज कुमार ने बताया कि बड़ा तालाब में बारिश का पानी आने के लिए दो नाला बड़ा स्त्रोत है और गंदगी के बड़ी मात्रा में नाईट्रोजन भी आ रहा है, जलकुंभी बढ़ने के लिए नाईट्रोजन की अधिक मात्रा सहायक होती है.
उन्होंने बताया कि नाला से नाईट्रोजन की मात्रा पर अंकुश लगाने में परंपरागत एसटीपी (सिस्टेमेटिक ट्रांसफर प्लान) कारगर नहीं हो सकता, इसके लिए बॉयो एसटीपी की जरूरत है, निगम द्वारा नौ बार इसे लेकर निविदा निकाली गयी, लेकिन कोई भी टेंडर नहीं आया, अब दसवीं बार भी टेंडर निकालने की प्रक्रिया चल रही है. उन्होंने बताया कि निगम की ओर से अब स्थायी रूप से जलकुंभी हटाने के लिए विशेषज्ञों के दल को काम पर लगाया है.
लॉकडाउन में जलकुंभी के बढ़ जाने के बाद निगम की ओर से जेसीबी मशीन और सफाई कर्मियों को लगाया है. सफाई का यह सिलसिला आने वाले कुछ दिनों तक लगातार जारी रहेगा. साफ सफाई का काम देखने खुद रांची के सांसद संजय सेठ भी तालाब पहुंचे. उन्होंने कहा कि विवेकानंद सरोवर साफ रहे यह जिम्मा प्रत्येक नागरिक का है. उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में यहां पुलिस की देखरेख हो इसके लिए टाउन आउटपोस्ट, टीओपी भी बनाया जाएगा. ताकि असामाजिक तत्वों पर भी नजर रखा जा सके.
इस मौके पर रांची नगर निगम की महापौर आशा लकड़ा ने कहा की नगर निगम की ओर से तालाब का सौंदर्यीकरण का काम लगातार जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि पहले श्रमदान के माध्यम से तालाब की सफाई का खाका तैयार किया गया था लेकिन कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए श्रमदान के कार्यक्रम को स्थगित कर दिया गया. महापौर ने तालाब की साफ सफाई में समाज के सजग लोगों को आगे आने की भी अपील की.