अल्प बरसात से झारखंड में सूखे की स्थिति बन गई है लेकिन राज्य की सरकार और आपदा प्रबंधन विभाग इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया है. सबसे ज्यादा सूखे से किसान हलकान है .मानसून सत्र के पहले दिन कांग्रेस विधायक सुखदेव भगत ने सरकार का ध्यान आकृष्ट करने के लिए विधानसभा परिसर में नारेबाजी करते हुए मांग की की राज्य को सूखाग्रस्त क्षेत्र घोषित किया जाए.शुरू में तो कांग्रेस के विधायक सुखदेव भगत इस मुद्दे पर अकेले दिखे और हाथों में तख्तियां लेकर नारेबाजी भी की. बाद में देर से पहुंचे कांग्रेस के अन्य विधायकों ने भी उनका साथ दिया.
राज्य को सूखा क्षेत्र घोषित कर राहत की व्यवस्था की मांग
सुखदेव भगत ने कहा की वे राजनीति नहीं कर रहे हैं. राज्य सरकार का मौसम विभाग के आंकड़े में भी जून से लेकर अब तक जुलाई में झारखंड में 83 फीसद तक कम बरसात हुई है जो की औसतन 40 प्रतिशत है.पूर्व के आंकड़े के अनुसार इस माह तक लगभग 400 मिमी बरसात हो जाती थी अभी मात्र 237 मिलीमीटर बरसात हो पाई है जो की चिंताजनक है और राज्य सरकार को इस पर संज्ञान लेना चाहिए.
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भानु प्रताप शाही ने भी माना की कम बरसात से हालत खराब है, किसान बेहाल है
कांग्रेस द्वारा अल्प बरसात पर चिंता जताने के बाद कई विधायकों ने भी सूखे की स्थिति पर चिंता जताई है .विधायक भानु प्रताप शाही ने भी माना कि बहुत देर हो चुकी है. धान के बिचड़े सूख रहे हैं दलहनी फसलें बर्बाद हो रही है सरकार पलामू क्षेत्र को विशेष पैकेज दे और कई क्षेत्रों में किसानों की दयनीय स्थिति के संदर्भ में सरकार संज्ञान ले.
वहीं सरकार के तमाम मंत्री विधायक भी मानते हैं कि इस दिशा में ठोस निर्णय लिया जाएगा और जल्द ही क्या कुछ व्यवस्था होगी उस दिशा में सरकार कदम उठा लेगी.