आईसीसी वर्ल्ड कप-2019 के फाइनल में विवादास्पद चार देने वाले मैदानी अंपायर कुमार धर्मसेना ने स्वीकार किया है कि वर्ल्ड कप फाइनल में इंग्लैंड को चार देना उनकी गलती थी और उन्हें एक रन देना चाहिए था. गौरतलब है कि आईसीसी विश्व कप-2019 के फाइनल में दिए गए उस चौके को लेकर काफी विवाद रहा है. यह चार रन इंग्लैंड की न्यूजीलैंड पर जीत में काफी निर्णायक साबित हुए थे. फाइनल मैच के अंतिम ओवर में 242 रनों का पीछा कर रहे इंग्लैंड के बल्लेबाजों ने दो रन दौड़कर लिए थे और दूसरा रन लेने के दौरान फील्डर का थ्रो बेन स्टोक्स के बल्ले से टकराकर बाउंड्री पार चला गया था, जिससे इंग्लैंड के खाते में चार रन आए थे.
मैदानी अंपायर कुमार धर्मसेना ने अपने साथी अंपायरों से बात करने के बाद छह रन इंग्लैंड को दिए थे. इंग्लैंड की टीम इससे मैच में वापस आ गई थी. धर्मसेना ने श्रीलंका के अख्बार संडे टाइम्स से कहा, ‘अब टीवी पर रीप्ले देखने के बाद मैं स्वीकार करता हूं कि फैसला करने में गलती हुई थी. लेकिन मैदान पर टीवी रीप्ले देखने की सहूलियत नहीं थी और मुझे अपने फैसले पर कभी मलाल नहीं होगा.’
पूर्व अंपायर साइमन टॉफेल ने हालांकि अंपायरों के छह रन देने के फैसले को गलत बताया था और कहा था कि यहां छह रन के बजाय पांच रन देने चाहिए थे, क्योंकि बल्लेबाजों ने दूसरा रन पूरा नहीं किया था.
श्रीलंका के धर्मसेना ने कहा, ‘मैंने संवाद प्रणाली के जरिये लेग अंपायर से सलाह ली, जिसे सभी अन्य अंपायरों और मैच रेफरी ने सुना. वे टीवी रीप्ले नहीं देख सकते थे, उन सभी ने पुष्टि की कि बल्लेबाजों ने दूसरा रन पूरा कर लिया है. इसके बाद मैंने अपना फैसला किया.’