मुंबई: भारतीय टीम के टेस्ट विशेषज्ञ बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा ने गुरुवार को इस बात को स्वीकार किया है कि गुलाबी गेंद से खेलना एक बड़ी चुनौती है. पुजारा का मानना है कि डे-नाइट टेस्ट मैच में पिंक बॉल से खेलना बल्लेबाजों के लिए एक अलग चुनौती है, क्योंकि पारंपरिक लाल गेंद की अपेक्षा गुलाबी गेंद में काफी तेजी होती है और गेंद की विजिबिलिटी कम होती है.
सोनी टेन पिट स्टॉप में चेतेश्वर पुजारा ने कहा है, ‘सबसे पहले डे और नाइट टेस्ट के बारे में बोलना या गुलाबी गेंद के साथ खेलने पर मुझे लगता है कि लाल गेंद के साथ हम जो करते हैं, ये उससे अलग है.’ उन्होंने कहा है, ‘हालांकि यह अभी भी एक ही प्रारूप है, लेकिन (गुलाबी) गेंद की गति और दृश्यता बहुत अलग है. एक बल्लेबाज के रूप में आपको इसकी आदत डालनी होगी.’
देश के लिए अब तक 77 टेस्ट मैच खेल चुके चेतेश्वर पुजारा ने कहा है कि युवा खिलाड़ी जो एसजी की लाल गेंद से खेलते हैं, उनके लिए पिंक बॉल से खेलना काफी कठिन होगा.
पुजारा ने कहा है, ‘यह आसान नहीं होगा, क्योंकि आपको इस तरह के अभ्यास की आवश्यकता होगी. घरेलू स्तर पर ऐसा करना आसान नहीं है. यदि कोई युवा खिलाड़ी आ रहा है, तो उसे रणजी ट्रॉफी में एसजी लाल गेंद से खेलने की आदत है, इसलिए जब आप उसे भारत के लिए खेलते हैं, तो वह इस प्रारूप के लिए तैयार है, लेकिन गुलाबी गेंद के लिए पर्याप्त प्रशिक्षण की जरूरत है.’
चेतेश्वर पुजारा ने कहा है, ‘वह टेस्ट मैच के लिए तैयार है, लेकिन जब वह पिंक बॉल से खेलने आएगा, तो उसके पास उतना अनुभव नहीं होगा और कई नेट सत्र भी नहीं होंगे, इसलिए मुझे लगता है कि यह युवा खिलाड़ी के लिए एक चुनौती होगी, जो इसमें आ रहा है और गुलाबी गेंद से खेल रहा है.
हां लेकिन खिलाड़ी जो पहले से ही कुछ घरेलू टूर्नामेंट में गुलाबी गेंद से खेल चुके हैं और जिन्होंने गुलाबी गेंद का एक टेस्ट मैच खेला है, उन्हें इसकी आदत होगी, लेकिन यह एक बल्लेबाज के लिए पूरी तरह से एक अलग चुनौती है.’