रांची : कमर्शियल माइनिंग पर रोक के लिए हेमंत सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर किए जाने की
कार्रवाई का वामदलों ने स्वागत किया है. वामदलों ने संयुक्त प्रेस वक्तव्य में कहा है कि हेमंत सरकार का यह निर्णय, केन्द्र सरकार के संरक्षण मे कार्पोरेट घरानों द्वारा राज्य की खनिज संपदा समेत यहां के जल-जंगल और जमीन की लूट को रोकने की दिशा में एक मजबूत कदम है.
गोपीकांत बक्सी, सीपीआई(एम), भुवनेश्वर प्र.मेहता, सीपीआई, जनार्दन प्रसाद, भाकपा (माले), आनंद महतो, मासस ने कहा कि वामदल मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के इस जनपक्षीय फैसले के साथ है.वामदलों का मानना है कि झारखण्ड संविधान की 5वीं अनुसूची के अंतर्गत आदिवासी विशिष्टता को संरक्षित रखने के प्रति संवैधानिक दायित्व से आच्छादित राज्य है. वाणिज्यिक खनन से यहां के आदिवासियों के जीवन पर प्रतिकुल असर पड़ेगा. निजी खनन मे केवल मुनाफा केंद्रित रहने के कारण अवैज्ञानिक खनन की प्रक्रिया का खामियाजा भी आदिवासियों और अन्य गरीबों को भुगतना पडेगा. इसके अलावा पर्यावरणीय संतुलन, वनों का संरक्षण जैसे आवश्यक कार्यों पर भी वाणिज्यिक खनन का विपरीत प्रभाव पडेगा. इसलिए वामदल शुरू से ही कमर्शियल माइनिंग का विरोध करते आ रहें हैं.
वामदलों की ओर से कहा गया कि जल जंगल जमीन और खनिज जैसी हमारी राष्ट्रीय संपदा को बचाने का संघर्ष अब एक नए दौर मे पहुंच गया है. क्योंकि कोयले के वाणिज्यिक खनन के बहाने केंद्र सरकार कृषि, वन, पर्यावरण सभी कुछ कार्पोरेट घरानों के हवाले करने पर तूली हुईं है.
कोयला मजदूरों ने देश की संपत्ति को बचाने के लिए जो देशभक्ति पूर्ण संघर्ष छेड़ा है उससे कार्पोरेट परस्त ताकतें बौखला गई हैं और अब इसकी कमान खुद नरेंद्र मोदी ने संभाल ली है और 18 जुन को कमर्शियल माइनिंग की निलामी मे स्वयं मौजूद रहकर उन्होंने इसका एलान भी कर दिया है . देश का मजदूर वर्ग अपने प्रधानमंत्री के इस कदम से आक्रोशित है. क्योंकि जिस कमर्शियल माइनिंग की निलामी की कोशिश को कोयला कामगारों ने अपनी एकता और संघर्ष से पांच बार विफल कर दिया उसके खिलाफ अब मोर्चा स्वयं प्रधानमंत्री ने संभाल लिया है. अब इस परिस्थिति में कोयला कामगारों की एकजुटता और संघर्ष से ही इससे निपटा जा सकता है. आगामी 2से4 जुलाई तक कोयला कामगारों की होने वाली तीन दिवसीय संयुक्त हड़ताल केंद्र सरकार की जन विरोधी और मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ आर – पार के संघर्ष का प्रस्थान विंदु होगा.
वामदल कोयला कामगारों के इस संघर्ष का समर्थन करते हुए अपनी तमाम इकाइयों का आह्वान करते हैं कि कोयला मजदूरों के इस संयुक्त तीन दिवसीय हड़ताल के समर्थन मे आगामी 2 जुलाई को एकजुटता की कार्यवाही आयोजित करें.