आशका पटेल
अपने 6 सूत्री मांगों को लेकर आंगनबाड़ी सेविकाओं ने बिरसा चौक पर प्रदर्शन किया. आंगनबाड़ी सेविकाओं और सहायिकाओं ने प्रदर्शन कर न्यूनतम वेतन की मांग की है.
क्या है सेविकाओं की मांगें :
- आंगनबाड़ी कर्मचारियों को सरकारी घोषित किया जाय. सेविका को 18 हज़ार और सहिया को 9 हज़ार रुपए प्रति माह दिया जाय.
- मिनी आंगनबाड़ी सेविकाओं को अतिरिक्त आंगनबाड़ी बहनों के बराबर मानदेय दिया जाय.
- उम्र की सीमा को समाप्त करते हुए आंगनबाड़ी सेविकाओं से ही पदोन्नति और सहायिका से सेविका पद पर पदोन्नति की जाय.
- आंगनबाड़ी कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाया जाए.
- सेवानिवृत्ति की उम्र सीमा 60 वर्ष से बढ़ाकर बिहार सरकार की तरह 65 वर्ष की जाए एवं सेवानिवृत्ति के पश्चात सेविकाओं को परिवार संचालन हेतु 5 लाख रुपये और सहायिका को 3 लाख रुपये की राशि एक मुश्त में दी जाय.
- पोषण सखियों को भी सेविकाओं की तरह गर्मी छुट्टी दी जाय.
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संघ प्रदेश के कार्यकारी अध्यक्ष बालमुकुंद सिन्हा ने कहा कि सरकार तीन बार लिखित समझौता कर चुकी है लेकिन अब तक लागू नहीं किया . अब अगर सरकार नहीं मानेगी तो हमलोग 16 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगे.
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प्रदेश कोषाध्यक्ष सीता तिग्गा का कहना है कि दूसरे प्रदेशों में अच्छा वेतन दिया जाता है पर हमारे प्रदेश में किस चीज़ की कमी है? जो हमारे मानदेय में काम करने वाली सेविकाओं से अधिक काम करवाने के बाद भी वेतन बढ़ाने की मांगे पूरी नहीं की जा रही है.
जिला अध्यक्ष सुमन कुमारी का कहना है कि पिछले वर्ष 2018 में जो मानदेय की मांग पूरी करने की बात कही गयी थी वो 2019 आने पर भी पूरा नहीं किया जा सका हैं.