रांची: झारखंड में सवा 3 सौ साल से चली आ रही परंपरा 2020 में टूट जाएगी. कोरोना के कहर के चलते यहां की रथयात्रा को स्थगित कर दिया गया है. रांची में जगन्नाथ मंदिर की रथयात्रा को लेकर जिला प्रशासन की तरफ से पहले दिया गया आदेश ही लागू रहेगा यानि 23 जून को निकाले जानेवाली रथयात्रा स्थगित रहेगी. कोरोना वायरस के संक्रमण के रोकथाम और जनमानस की सुरक्षा को लेकर ये आदेश जारी किया गया था, जो लागू रहेगा.
इधर सोमवार की संध्या में नेत्रदान, पूजन और आरती के बाद भगवान के विग्रहों को मंदिर के आसन में विराजमान कराया गया. मंगलवार की प्रातः 5 से 7 बजे तक भगवान की प्रथम पूजा होगी. वहीं, भगवान को चूड़ा, आम, केला, साबूदाना का भोग लगाया जाएगा. इसके बाद पुजारी बीएन चटर्जी द्वारा परंपरा निभाते हुए पूजा करेंगे. लेकिन, मंदिर में दर्शनार्थियों के प्रवेश पर रोक रहेगी. वहीं, दोपहर 12 बजे खिचड़ी भोग, 1.10 बजे खीर व मलपुआ, संध्या 4 बजे छप्पन भोग और 6 बजे आरती की जाएगी.
1691 के बाद पहली बार रथयात्रा नहीं
रांची के जगन्नाथपुर में साल 1691 से निकल रही रथ यात्रा इस बार नहीं निकलेगी. 1691 से धुर्वा के जगन्नाथपुर मंदिर परिसर से निकलने वाली इस रथ यात्रा के दौरान भव्य मेला भी लगता है, लेकिन कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से इस बार न यात्रा निकलेगी और न ही मेले का आयोजन होगा.
मंदिर के पुजारी द्वार के अंदर करेंगे पूजा
पूर्व में मुख्य सचिव, झारखंड सरकार के द्वारा जारी आदेश में कोरोना संक्रमण से बचाव के मद्देनजर धार्मिक आयोजनों पर रोक लगायी गयी है, जो जारी रहेगी, हालांकि जगन्नाथ मंदिर के पुजारी द्वार के अंदर भगवान जगन्नाथ की पूजा-अर्चना कर सकेंगे.
सुप्रीम कोर्ट ने पुरी में रथयात्रा की दी है अनुमति
आपको बताएं कि सुप्रीम कोर्ट ने ओडिशा में भगवान जगन्नाथ रथयात्रा की सशर्त अनुमति दी है जो कि सिर्फ पूरी के लिए ही है, देश के दूसरे हिस्सों के लिए नहीं. इससे पहले 18 जून के आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने पूरी की रथयात्रा को कोरोना महामारी के मद्देनजर इजाजत नहीं दी थी और 23 जून से होने वाली रथयात्रा पर रोक लगा दी थी. रथयात्रा को लेकर अब मिली अनुमति में कोरोना के मद्देनजर सभी तरह की गाइडलाइंस के पालन का निर्देश दिया गया है.