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सीआइपी की एसोसिएट प्रोफेसर प्रो. डॉ नेहा सईद ने इसे दूर करने का सूझाया उपाय
रांची: कोरोना वायरस को लेकर देश में हुए लॉकडाउन का असर लोगों के सेहत पर पड़ रहा है. इससे बच्चेह और बुजुर्ग भी अछूते नहीं हैं. इसका खामियाजा यह भी हो रहा है कि लोग डिप्रेशन में चले जा रहे हैं. डिप्रेशन के कई कारण हो सकते हैं.
किन्हीं को सामाजिक है तो किन्हीं को पारिवारिक है. बच्चोंं में चिड़चिड़ापन ज्यादा देखने को मिल रहा है. वहीं बुजुर्गों में अकेलेपन और उदासी के मामले भी बढ़ गये हैं.
आज बीएनएन ने डिप्रेशन के कितने मामले और इसका इलाज इन सब बिंदुओं को सीआइपी के क्लिनिकल साइकोलॉजी की एसोसिएट प्रोफेसर इंचार्ज डॉ नेहा सईद से बातचीत के आधार पर उनके सुझाव पेश कर रहा है.
प्रो डॉ नेहा का कहना है कि डिप्रेशन किसी भी उम्र में हो सकती है. दो साल के बच्चे से लेकर 99 साल तक के बुजुर्ग डिप्रेशन के शिकार हो सकते हैं. सभी उम्र में इसके लक्षण अलग-अलग दिखने को मिलते हैं.
डिप्रेशन की वजह:
डिप्रेशन परिवार या दोस्तों के साथ साकारात्मक वार्तालाप न हो पाना, एक कमरे में बैठकर एक-दूसरे से बात न करना, मोबाइल पर मशगुल रहना प्रमुख कारण है. आपस में बात न कर ज्यादातर समय टीवी देखने में बिताना भी डिप्रेशन की वजह है.
डिप्रेशन कम करने के उपाय:
प्रो. डॉ नेहा के अनुसार, डिप्रेशन कम करने लिए विशेषज्ञ से मिलना जरूरी है. जरूरी पड़ने पर दवा या फिर साइकोलॉजिकल थेरेपी दी जाती है, तब जाकर व्यक्ति सामान्य जीवन जी सकता है.
रूटिन योगा और परिवार के साथ ज्यादा समय बितायें:
प्रो. डॉ नेहा ने बताया कि सबकी जिंदगी में परेशानियां हैं. हमें चाहिए कि हम अपनी जिंदगी में कुछ अच्छे चीजों को शामिल करें. अपने दिनचर्या में उन चीजों को लायें. रूटिन योगा, व्यायाम के साथ-साथ अपने परिवार के ज्यादा समय बितायें और साकारात्मक बातें करें. इसके अलावा संतुलित भोजन करें.