मुंगेर : लौहनगरी के दरियापुर निवासी निर्मल की कहानी औरों से अलग है. अच्छी तालीम के बाद लोग जहां नौकरी के लिए हाथ पैर मारते हैं वहीं, निर्मल हार्डवेयर इंजीनियर की डिग्री हासिल करने के बाद सर्प मित्र बन गया. निर्मल जहरीले सांपों को पलक झपकते पकड़ लेता है. फिर उसे जंगली इलाके में ले जा कर छोड़ देता है. यही कारण है कि अब इलाके में कहीं भी विषैला सर्प देखते ही लोग निर्मल को सूचना देते हैं. इसके बाद निर्मल अपने सहयोगियों के साथ पहुंचते हैं और सांप को रेस्क्यू कर उसे सुरक्षित जंगल तक पहुंचा देते हैं.
निर्मल ग्रामीणों को सांप नहीं मारने के लिए प्रेरित करते हैं. निर्मल ग्रामीणों को बताते हैं कि सांप पर्यावरण के मित्र हैं. इसलिए सांप को मारना नहीं चाहिए. निर्मल वर्ष 2017 से अब तक अलग-अलग प्रजाति के 2 हजार से ज्यादा सांपों को पकड़कर उन्हें जंगल में छोड़ चुके हैं. निर्मल भी एक बार सर्प दंश का शिकार हो गये लेकिन फिर भी नहीं हारी हिम्मत. 2019 में जंगल में एक सर्प घायल हालत में मिला. निर्मल उसे घर ले आया और खुद ही उपचार करने लगा. इस दौरान सर्प ने उसे डस लिया. घरवालों ने आनन-फानन में इलाज के लिए भागलपुर मेडिकल अस्पताल में भर्ती कराया और एक सप्ताह बाद स्वस्थ होकर घर लौटे. घरवालों ने यह काम नहीं करने की सलाह दी लेकिन निर्मल ने किसी की नहीं सुनी. अब भी वह सर्प मित्र बन कर सांपों के जीवन की रक्षा करने की मुहिम में जुटा हुआ है.