मुंगेर : चित्रकारी की चर्चा शुरू होते ही विश्व प्रसिद्ध नंदलाल बसु का अक्स अभी मुंगेर के लोगों की आंखों में कौंध जाता है. जिले के हवेली खड़कपुर के खेत खलिहानों को जब कूची से नंदलाल बसु ने कैनवास पर उकेरना शुरू किया तो मुंगेर का परचम देश दुनिया में लहराने लगा. संविधान की मूल प्रति को संवारने का श्रेय भी नंदलाल बसु को जाता है. अब लंबे अरसे बाद जिले के नौवागढी क्षेत्र का युवा चित्रकार रंजीत कुमार रंजन भी चित्रकारी के क्षेत्र में धीरे-धीरे नंदलाल बसु के पद चिन्हों पर आगे बढ़ता दिखाई दे रहा है.
अंतर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय स्तर की कई पेंटिंग प्रतियोगिता में शिरकत कर चुके रंजीत ने सजीव चित्रों के माध्यम से दर्जनों पदक भी अपने नाम किए हैं. अंतरराष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय स्तर की कई प्रतियोगिता में अपने कला का लोहा मनवा चुके युवा चित्रकार रंजीत रंजन ने कई पदक हासिल कर दूसरे राज्यों में बिहार का नाम रोशन किया. रंजीत रंजन की उपलब्धियों से आज जिले के बाशिंदे अपने आपको गौरवान्वित महसूस कर रहे है.
मुंगेर सदर प्रखंड क्षेत्र के तारापुर दियारा पंचायत अंतर्गत मनियारचक सिलहा गांव निवासी सेवानिवृत्ति रेलकर्मी रामवरण दास के पुत्र रंजीत कुमार रंजन के चित्र में जीवन के हर रंग नजर आते हैं। सौंदर्य और महिला स्वतंत्रता पर रंजीत की कुंजी ज्यादा ही मुखर होकर सामने आती है। बचपन से ही चित्रकला और पेंटिंग के शौकीन रंजीत को पिता का भी भरपूर सहयोग मिला। इंटर की पढ़ाई पूरी करने के बाद रामवरण दास ने अपने पुत्र को कला की शिक्षा पाने के लिए मध्य प्रदेश के जबलपुर भेज दिया.
रंजीत ने मध्यप्रदेश के जबलपुर स्थित शासकीय ललित कला संस्थान से वर्ष 2008 में स्नातक एवं वर्ष 2010 में फाइन आर्ट् की डिग्री हासिल की। मध्य प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित कई प्रसिद्ध हस्तियां युवा चित्रकार रंजीत कुमार रंजन की पेंटिंग की प्रशंसा कर चुके हैं और सम्मानित भी। एक संभाल के जबाव में युवा चित्रकार रंजीत रंजन ने कहा कि नंदलाल बसु मेरे प्रेरणा स्रोत हैं.
युवा चित्रकार रंजीत कुमार रंजन की उपलब्धियां
उन्होंने वर्ष 2001 में रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय मध्य प्रदेश द्वारा आयोजित पेंटिंग प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किया, वर्ष 2005 में एसएलके संस्थान जबलपुर द्वारा आयोजित प्रतियोगिता और भागलपुर में आयोजित कॉलेज पेंटिंग प्रतियोगिता में भी रंजीत रंजन ने प्रथम स्थान प्राप्त किया,वर्ष 2006 में ग्वालियर और एसएलके संस्थान के प्रतिष्ठा में प्रथम स्थान प्राप्त किए,वर्ष 2007 में उज्जैन में आयोजित राष्ट्रीय चित्रकला प्रतियोगिता में द्वितीय स्थान हासिल किया,वर्ष 2008 में आर्ट ऑफ सोशल चेंज रोटरी क्लब जबलपुर द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में प्रथम स्थान स्थान हासिल किया। उन्होंने वर्ष 2010 में उज्जैन में गोल्ड मेडल हासिल किया ,2015 राष्ट्रीय स्तर की चित्रकला प्रतियोगिता में प्रथम स्थान हासिल किया,2020 में नेशनल टेस्टिंग एजेंसी, इंदिरा गांधी नेशनल सेंटर फॉर थे आर्ट् तथा मुंबई टीचर्स ट्रेनिंग एचएसएनसी विश्व विद्यालय द्वारा कोरोना महामारी पर आधारित सेमिनार उम्दा प्रदर्शन के लिए नवाजे गए.
अंतर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में भी रंजीत रंजन बिखेर रहा है अपने कूची का जलवा। युवा चित्रकार रंजीत रंजन ने कई पुरस्कार कर अपने प्रदेश का नाम रोशन कर चुके हैं। रंजीत रंजन अंतर्राष्ट्रीय चित्र कला महोत्सव व राष्ट्रीय चित्रकला महोत्सव सहित अन्य प्रतियोगिता में कई पुरस्कार जीतकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुके हैं। वर्ष 2007 से लेकर अब तक मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा राजस्थान, दिल्ली, पश्चिम बंगाल सहित अन्य राज्यों में भी युवा चित्रकार रंजीत कुमार रंजन ने अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज कराते हुए बिहार का नाम रोशन किया। युवा चित्रकार रंजीत रंजन की उपलब्धियां आज युवाओं के लिए प्रेरणा बनते जा रहे है। वर्तमान समय में अपनी चित्रकारी का लोहा मनवा चुके युवा चित्रकार रंजीत रंजन नौवागढ़ी एवं जमालपुर में चित्रकारी के शौक रखने वाले छात्र छात्राओं को निशुल्क पेंटिंग की शिक्षा देकर कला के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने में लगे हैं.