नई दिल्ली: गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मणिपुर के लिए जलापूर्ति परियोजना की आधारशिला रखी. परियोजना के तहत मणिपुर के 16 जिलों के 2,80,756 परिवारों के घर तक जल पहुंचाने का लक्ष्य है. पीएमओ के मुताबिक, जल परियोजना इस तरह से तैयार की गई है, जिससे ग्रेटर इंफाल योजना क्षेत्र, 25 कस्बों व 1731 ग्रामीण बस्तियों के शेष बचे परिवारों को ताजा जल घरेलू नल कनेक्शन से मुहैया कराया जा सके.
मुख्य बातें:-
आज स्थिति ये है कि देश में करीब-करीब एक लाख वॉटर कनेक्शन हर रोज दिए जा रहे हैं. यानि हर रोज एक लाख माताओं-बहनों के जीवन से पानी की इतनी बड़ी चिंता को हम दूर कर रहे हैं, उनका जीवन आसान बना रहे हैं.
पिछले वर्ष जब देश में जल जीवन मिशन की शुरुआत हो रही थी, तभी मैंने कहा था कि हमें पहले की सरकारों के मुकाबले कई गुना तेजी से काम करना है. जब 15 करोड़ से ज्यादा घरों में पाइप से पानी पहुंचाना हो, तो एक पल के लिए भी रुकने के बारे में सोचा नहीं जा सकता.
बड़ी बात ये भी है कि ये प्रोजेक्ट आज की ही नहीं बल्कि अगले 20-22 साल तक की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया है. इस परियोजना से लाखों लोगों को घर में पीने का साफ पानी तो उपलब्ध होगा ही, हजारों लोगों को रोजगार भी मिलेगा.
आज इंफाल सहित मणिपुर के लाखों साथियों के लिए, विशेषतौर पर हमारी बहनों के लिए बहुत बड़ा दिन है. लगभग तीन हजार करोड़ रुपए की लागत से पूरे होने वाले मणिपुर वॉटर सप्लाई प्रोजेक्ट से यहां के लोगों को पानी की दिक्कतें कम होनी वाली हैं.
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत मणिपुर के करीब 25 लाख गरीब भाई-बहनों को मुफ्त अनाज मिला है. इसी तरह डेढ़ लाख से अधिक बहनों को उज्जवला योजना के तहत मुफ्त गैस सिलेंडर की सुविधा दी गई है.
मणिपुर में कोरोना संक्रमण की गति और दायरे को नियंत्रित करने के लिए राज्य सरकार दिन रात जुटी हुई है। लॉकडाउन के दौरान मणिपुर के लोगों के लिए जरूरी इंतजाम हों, या फिर उनको वापस लाने के लिए विशेष प्रबंध, राज्य सरकार ने हर जरूरी कदम उठाए हैं.
इस बार तो पूर्वी और उत्तर पूर्वी भारत को एक तरह से दोहरी चुनौतियों से निपटना पड़ रहा है. नार्थ ईस्ट में फिर इस साल भारी बारिश से बहुत नुकसान हो रहा है. अनेक लोगों की मृत्यु हुई है, अनेक लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा है.
पीएम मोदी ने कहा कि आज का ये कार्यक्रम, इस बात का उदाहरण है कि कोरोना के इस संकट काल में भी देश रुका नहीं है, देश थमा नहीं है. जब तक वैक्सीन नहीं आती, जहां कोरोना के खिलाफ हमें मजबूती से लड़ते रहना है वहीं विकास के कार्यों को भी पूरी ताकत से आगे बढ़ाना है.