बिश्वजीत शर्मा,
साहेबगंज: प्रखंड के विजयपुर गांव के वरिष्ठ कांग्रेसी कार्यकर्ता नजरुल इस्लाम की गुरुवार को सुबह दुमका कारागार में हुई मौत मामले में कांग्रेस ने उच्च स्तरीय जांच की मांग किया है.
गौरतलब हो कि कांग्रेसी कार्यकर्ता किसी मामले में राजमहल जेल में थे जहां से बुधवार को उन्हें दुमका कारागार में शिप्ट किया गया. जहां हार्ड अटैक से उनकी मौत का मामला सामने आ रहा है.
इस्लाम की निधन पर कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने गहरा दुख प्रकट किया है. साथ ही यह आशंका जताया है कि एक सोची समझी साजिश के तहत दुमका कारगर में कांग्रेसी कार्यकर्ता नजरुल की हत्या कर उसे हार्ड अटैक दिखाने का प्रयास किया गया है.
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने इस मामले की उच्च स्तरीय जांच करवाने की मांग किया है. ग्रामीण विकास मंत्री के प्रतिनिधि बरकत खान ने बताया कि कांग्रेसी कार्यकर्ता नजरुल इस्लाम से पाकुड़ विधानसभा के पूर्व विधायक अकील अख्तर का एक फील्ड विवाद में न्यायालय में मामला चल रहा था, जिसमें कांग्रेसी कार्यकर्ता को वेवजह फंसाया गया था.
इसी मामले में वे जेल में थे. जहां से उन्हें दुमका जेल में सिप्ट किया गया, जहां से उनकी मौत की खबर आई है. उन्होंने इस घटना को एक सोची समझी साजिश बताते हुए कहा की पूर्व में भी यह शिकायत आई थी कि राजमहल जेल के जेलर द्वारा नजरुल के साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा था उसे अच्छी तरह से खाना पीना नही दिया जा रहा था.
साथ ही कहा कि इस कोरोना काल में किस वजह से उन्हें राजमहल जेल से दुमका शिप्ट किया गया. इस घटना में राजमहल जेलर की भी भूमिका को संदिग्ध बताते हुए घटना की उच्च स्तरीय जांच करवाने की मांग किया है. साथ ही मृतक के परिजनों को मुआवजा के रूप में 5 लाख देने व परिवे के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दिए जाने की मांग किया है.