रांची: झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डॉ. रामेश्वर उरांव के एक वर्ष कार्यकाल आज पूरा हो गया. डॉ. उरांव का यह कार्यकाल पार्टी संगठन के लिए कई तरह से सफलता से परिपूर्ण रहा.
पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे और राजेश गुप्ता छोटू ने कहा कि एक साल पहले डॉ. उरांव ने जब प्रदेश अध्यक्ष का पदभार संभाला था, तो पार्टी के चार-चार पूर्व प्रदेश अध्यक्षों डॉ. अजय कुमार, सुखदेव भगत और प्रदीप बलमुचू, सफराज अहमद समेत अन्य प्रमुख नेताओं-विधायकों ने पार्टी छोड़ने का फैसला लिया था, पार्टी कई गुटों में विभक्त थी, विधानसभा चुनाव नजदीक था, संगठन के समक्ष कई चुनौतियां थी, इन सारी चुनौतियों के बीच डॉ. रामेश्वर उरांव को जब जिम्मेवारी मिली, तो उन्होंने तत्काल सामूहिक नेतृत्व के तहत काम करते हुए चुनाव की तैयारियां शुरू की और विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को अभूतपूर्व सफलता मिली, पार्टी के 16 विधायक निर्वाचित हुए, जबकि कुछ अन्य उम्मीदवार काफी कम अंतर से चुनाव हारे है.
प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस गठबंधन की सरकार बनी, सरकार ने जनआकांक्षाओं के अनुरूप काम करना शुरू किया, लेकिन कुछ ही दिनों में वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के कारण देशव्यापी लॉकडाउन के कारण विकास योजनाओं को मूर्त रूप देने में बाधा आयी. इसके बावजूद संकट की घड़ी में डॉ. उरांव ने हर जरूरतमंद और गरीब परिवारों को अनाज उपलब्ध कराया, इसकी पूरे देश में सराहना हुई. अब भी संक्रमण काल के कारण आम जनजीवन पूरी तरह से सामान्य नहीं हो पाया है, इसके बावजूद डॉ. उरांव के नेतृत्व में सरकार और संगठन के बीच सामंजस्य बना कर लोगों को हरसंभव मदद पहुंचाने का काम किया जा रहा है. लॉकडाउन के प्रारंभ के दो-तीन महीने में सरकार के अलावा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. रामेश्वर उरांव के नेतृत्व में जो काम हुआ, वह काफी उल्लेखनीय है.