दिल्ली: मूडीज इनवेस्टर्स सर्विस ने वित्त वर्ष 2020 के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि का अनुमान घटा दिया है. मूडीज ने पहले इसमें जहां चार फीसदी गिरावट का अनुमान जताया था, वहीं शुक्रवार को इसने माइनस जीडीपी की संकुचन दर 11.5 फीसदी रहने की संभावना जताई है. इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी में 23.9 फीसदी की रिकॉर्ड गिरावट दर्ज की गई थी.
मूडीज ने अगले वित्तीय वर्ष के लिए पूवार्नुमान को संशोधित किया है. एजेंसी ने वित्त वर्ष 2021-22 में भारतीय अर्थव्यवस्था के 10.6 फीसदी की रफ्तार से बढ़ने का अनुमान जताया है, जबकि इससे पहले उसने अगले वित्तीय वर्ष में 8.7 फीसदी की वृद्धि की भविष्यवाणी की थी.
मूडीज की ओर से जारी बयान में कहा गया है, देश के नीति निर्धारक संस्थानों ने इन जोखिमों को कम करने और नियंत्रित करने के लिए संघर्ष किया है, जो कोरोनावायरस महामारी के कारण बढ़ गए हैं.
मूडीज ने कहा, अर्थव्यवस्था और वित्तीय प्रणाली में गहरे दबाव से देश की वित्तीय मजबूती (राजकोषीय स्थिति) में और गिरावट आ सकती है. इससे साख पर दबाव और बढ़ सकता है. इससे पहले विश्वस्तरीय रेटिंग एजेंसी मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने भारत की संप्रभु रेटिंग घटा दी थी.
रेटिंग एजेंसी ने देश की रेटिंग को बीएए 2 से घटाकर बीएए 3 कर दिया था. रेटिंग एजेंसी ने करीब तीन महीने पहले भारत की संप्रभु रेटिंग कम करते हुए कहा था कि लंबे समय तक संभावित आर्थिक सुस्ती और खराब होती जा रही वित्तीय स्थिति से निपटने की नीतियों को लागू करना सरकार के लिए चुनौतीपूर्ण होगा.