रांची: झारखंड हाईकोर्ट ने 500 बेड की क्षमता वाले रांची के सदर अस्पताल के पूरी तरह से चालू नहीं होने पर मुख्य सचिव से जवाब मांगा है. चीफ जस्टिस डॉ. रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत ने इस मामले में दाखिल अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि कहा कि अदालत ने तीन साल पहले ही सरकार को 500 बेड के अस्पताल को शुरू करने का आदेश दिया था. सरकार ने भी अंडरटे¨कग दी थी, लेकिन अभी भी सरकार यह बताने की स्थिति में नहीं है कि यह अस्पताल कब तक शुरू हो जाएगा.
अदालत ने मुख्य सचिव से पूछा है कि कितनी क्षमता के साथ अस्पताल को शुरू किया गया है. यहां पर कौन-कौन सी सुविधाएं हैं और अस्पताल की क्षमता 500 बेड करने व अन्य सभी संसाधनों से युक्त कर इसे चालू कराने के लिए क्या-क्या कार्यवाही की जा रही है. मामले की अगली सुनवाई 25 सितंबर को होगी.
प्रार्थी की ओर से बताया गया कि सरकार ने 200 बेड से अस्पताल शुरू तो किया है, लेकिन यहां आइसीयू की सुविधा अभी तक शुरू नहीं की गई है. जिन अस्पतालों में ऑपरेशन होता है वहां आइसीयू की सुविधा होना अनिवार्य है.
सरकार ने अभी तक सदर अस्पताल को सुपर स्पेशियलिटी के रूप में तैयार भी नहीं किया है. इस कारण सरकार पर अवमानना का मामला चलाया जाना चाहिए. यह अवमानना याचिका ज्योति शर्मा ने दाखिल की है.
वहीं 300 बेड अतिरिक्त होते सुनवाई के दौरान अदालत ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि यदि सरकार अंडरटे¨कग के दौरान कही गई, अपनी बातों को पूरा करती तो कोरोना संक्रमण जैसी महामारी के दौरान मरीजों के इलाज के लिए 300 अतिरिक्त बेड की सुविधा रहती.
अफसोस है कि सरकार सदर अस्पताल के मामले में जानकारी देने के लिए अभी भी समय मांग रही है. सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से कहा गया कि मुख्य सचिव ने इसको लेकर बैठक की है, लेकिन पूरी जानकारी के लिए समय की जरूरत है.