कांग्रेस अध्यक्ष पद से राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद अभी भी पार्टी को नए चीफ का इंतजार है। पार्टी के नए अध्यक्ष को लेकर मुकुल वासनिक, मल्लिकार्जुन खड़गे, अशोक गहलोत, सुशील कुमार शिंदे सहित कई वरिष्ठ नेताओं के नामों की चर्चा है। हालांकि, इन दिग्गजों के रहते हुए भी पार्टी अब तक नया अध्यक्ष नहीं खोज पाई है। पार्टी का नया चीफ कौन होगा और इसके चयन को लेकर क्या व्यवस्था होगी, इसे लेकर शनिवार को कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की अहम बैठक होने जा रही है।
सूत्रों के अनुसार, नए अध्यक्ष के चयन के फैसले को लेकर सीडब्ल्यसी की बैठक में व्यापक विचार-विमर्श होगा और चयन के लिए कोई व्यवस्था बनाई जाएगी। सीडब्ल्यूसी की बैठक से एक दिन पहले पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने शुक्रवार को संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) प्रमुख सोनिया गांधी से मुलाकात की। सूत्रों के अनुसार अहमद पटेल, एके एंटनी और केसी वेणुगोपाल सोनिया गांधी से मिले। माना जा रहा है कि उन्होंने पार्टी अध्यक्ष के लिए कुछ नामों पर चर्चा की है।
राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद से बनी असमंजस की स्थिति और नेतृत्व के संकट ने पार्टी की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। आर्टिकल 370 सहित कई मुद्दों पर पार्टी के नेता अलग-अलग बयान दे रहे हैं। कई नेता धीरे-धीरे पार्टी को अलविदा भी कर रहे हैं। राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद से अगले अध्यक्ष के चुनाव को लेकर कई दौर की बैठकें हुईं, लेकिन किसी नाम पर सहमति नहीं बन पाई। पार्टी के वरिष्ठ नेता और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पहले पार्टी अध्यक्ष की जिम्मेदारी किसी युवा नेता को सौंपने की बात की और फिर महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के नाम की पैरवी की। वैसे, कांग्रेस के कई दूसरे नेता भी अध्यक्ष पद के लिए प्रियंका के नाम की पैरवी कर चुके हैं। हालांकि, सियासी तस्वीर अभी तक साफ नहीं हो पाई है।
इस बीच पार्टी के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि ऐसे अध्यक्ष का चयन होना चाहिए जो सहमति बनाकर चले। उन्होंने नए अध्यक्ष के चयन के लिए पार्टी के भीतर चुनाव की प्रक्रिया अपनाने पर जोर देते हुए यह भी कहा कि इस चयन में अब देर नहीं होनी चाहिए। जरा सी देरी भी अब विकल्प नहीं है।
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद राहुल गांधी ने पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। उस वक्त उनके इस्तीफे को अस्वीकार करते हुए सीडब्ल्यूसी ने उन्हें पार्टी में आमूलचूल बदलाव के लिए अधिकृत किया था। हालांकि, राहुल अपने रुख पर अड़े रहे और स्पष्ट कर दिया कि न तो वह और न ही गांधी परिवार का कोई दूसरा सदस्य इस जिम्मेदारी को संभालेगा। अपने इस्तीफे की घोषणा करते हुए राहुल ने यह भी कहा था कि कांग्रेस अध्यक्ष नहीं रहते हुए भी वह पार्टी के लिए सक्रिय रूप से काम करते रहेंगे। बाद में उनके समर्थन में बहुत सारे नेताओं ने भी इस्तीफा दे दिया था।