ब्यूरो चीफ
रांची
किसी भी राज्य के विकास के पैमाने में सड़क, बिजली और जलापूर्ति व्यवस्था की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. सड़क से ही स्टेट के विकास को भी मापा जाता है. झारखंड सरकार ने सड़क पर ध्यान देते हुए कई महत्वपूर्ण सड़कों को पूरा करने का रिकार्ड बनाया है. कहने को र्सिफ चार वर्षों में 2600 किलोमीटर तक की सड़कें बनायी गयी. एशियाई विकास बैंक के सहयोग से 176.6 किलोमीटर तक की सड़क बनायी जा रही है. सरकार की तरफ से स्टेट हाइवे अथॉरिटी ऑफ झारखंड (सहज) की स्थापना भी की गयी है. जिसकी मदद से दो हजार किलोमीटर से अधिक की सड़कें बनवायी जा रही है. सरकार की तरफ से झारखंड एक्सीलरेटेड रोड डेवलपमेंट अथॉरिटी लिमिटेड (जेएआरडीसीएल) कंपनी भी बनाया गया है, जिसने सात परियोजनाएं पूरी कर ली है. रांची से हजारीबाग पथ भी अब एक्सप्रेस वे की तरह काम कर रहा है. लोग अब डेढ़ घंटे में रांची से हजारीबाग तक का सफर पूरा कर रहे हैं.
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एशियाई विकास बैंक की मदद से दुमका-हंसडीहा पथ, पचंबा से जमुआ, धनबाद के गोविंदपुर से टुंडी और खूंटी से तमाड़ रोड तक की सड़क बनायी जा रही है. 732.12 करोड़ की लागत वाली इन सड़कों का निर्माण अब अंतिम चरणों में है. अलग राज्य के बनने के बाद से 13 हजार किलोमीटर तक की सड़कों को सरकार ने चौड़ा किया. प्रति दिन राज्य में अब 1.55 से बढ़ कर 3.39 किलोमीटर तक की सड़क बनाने का रिकार्ड बनाया. इस दौरान 262 ब्रिज भी बनाये गये. रोड डेंसिटी 38.93 किलोमीटर प्रति एक हजार वर्ग किलोमीटर से बढ़ कर 51.14 तक पहुंच गया है. केंद्रीय फंड के तहत 1350 करोड़ रुपये की सड़कें बनवायी गयी. 19 वर्षों में 2200 किलोमीटर तक की राष्ट्रीय उच्च पथ भी बनवाये गये. इसमें एनएच-33 का एक बड़ा स्ट्रेच, एनएच-75, एनएच-23, एनएच-100 और अन्य पथ शामिल है.
रांची को रिंग रोड के नाम से जानने लगे हैं :
जेएआरडीसीएल अब अपनी पहचान बना चुका है. एजेंसी के तहत अब राजधानी रांची अपने रिंग रोड और रांची-पतरातू सड़क से पहचान मिलने लगी है. गठित कर रांची रिंग रोड (80 किलोमीटर में से 60 किमी), रांची-पतरातू डैम रोड के 35.27 किलोमीटर, पतरातू-रामगढ़ रोड (27.12 किमी), चाईबासा-सरायकेला-कांड्रा-चौका रोड (68.7 किमी), आदित्यपुर-कांड्रा रोड (15.1 किमी) का काम पूरा किया है. रिंग रोड के सातवें फेज का काम चालू है. राज्य की सड़कें ही नहीं इस दौरान सरकार ने 4845 किलोमीटर तक के जिला की महत्वपूर्ण सड़कें भी बनवायी. 1231 किलोमीटर तक के राज्य उच्च पथ भी बनवाये गये.
रांची-बहरागोड़ा पथ को लेकर हुई थोड़ी किरकिरी :
रांची-बहरागोड़ा पथ को लेकर सड़क निर्माण कार्य की किरकिरी हुई थी. एनएच-33 के इस पथ को लेकर तत्कालीन संवेदक को काली सूची में डाल कर सरकार ने फिर से निविदा फाइनल कर काम शुरू कराया है. अब इस सड़क के निर्माण कार्य को हाईकोर्ट खुद मॉनिटरिंग कर रही है. इसका काम भी अब तेजी से होने लगा है. मधुकोन कंस्ट्रक्शन को एनएच-33 बनाने का काम मिला था.