रांची: दी इंस्टिट्यूट ऑफ़ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ़ इंडिया की रांची, जमशेदपुर और धनबाद शाखाओं के द्वारा संयुक्त रूप से शुक्रवार को “कोरोनावायरस – बचाव की योजना, प्रतिक्रिया और स्वाथ्य लाभ – एक्सपर्ट से पूछें” विषय पर एक वेबिनार का आयोजन किया गया.
इस वेबिनार में मुख्य अतिथि रूप झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने अपने विचार रखते हुए कहा कि दी इंस्टिट्यूट ऑफ़ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ़ इंडिया देश की एक बहुत ही महत्वपूर्ण संस्थान है और इसके सदस्य चार्टर्ड अकाउंटेंट कोरोना के कारण पैदा हो रही आर्थिक संकट से निपटने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. चार्टर्ड अकाउंटेंट ने न केवल अपने क्षेत्र में बल्कि जब भी देश में किसी भी प्रकार की आपदा हुई हो, आपने आगे बढ़कर अपना योगदान दिया है. उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यह काफी हर्ष कि बात है कि सनदी लेखाकार संसथान दी इंस्टिट्यूट ऑफ़ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ़ इंडिया कि रांची शाखा के द्वारा कोरोना की इस वैश्विक महामारी के बचाव एवं जागरूकता हेतु वेबिनार का आयोजन किया है. इसका अच्छा प्रभाव और सन्देश समाज में पड़ेगी.
उन्होंने इस वेबिनार के द्वारा कुछ सवालों का जवाब देते हुए कहा कि झारखण्ड सरकार के द्वारा जारी कि गयी दिशानिर्देश के अनुसार कोई भी व्यक्ति यदि वह बाहर से झारखण्ड में प्रवेश करता हो, चाहे वह हवाई मार्ग, रेल मार्ग या सड़क मार्ग हो उन्हें 14 दिन क्वारेंटीन होना होगा, लेकिन इसमें वैसे यात्री जो हवाई मार्ग से आते हैं लेकिन उन्हें तीन दिन के अंदर लौटना हो तो उन्हें इस नियम से छूट दी गयी है इसके लिए जो नियम बनाये गए है उन्हें पालन करना होगा. साथ ही उन्होंने बताया कि समाज में कोरोना को लेकर काफी डर और भ्रम भी पैदा हुई है इससे दूर करने के लिए सरकार निरंतर प्रयासरत है और लोगों को जिन्हे भी लगे कि वे कोरोना वायरस से प्रभावित हुवे हैं उन्हें तुरंत अपनी जाँच करा लेनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस से पीड़ित व्यक्ति को जरुरी नहीं है कि वह हॉस्पिटल में ही डाल दिया जायेगा. सरकार ने इसके लिए जरुरी दिशानिर्देश दिए है जिनमे हल्का लक्षण है वे घर पर ही रहकर अपना इलाज कोरोना वायरस के दिशानिर्देश का पालन करते हुए करा सकते है और करा भी रहे है. लेकिन वैसे रोगी जो पहले से भी अन्य रोगों से ग्रसित है सरकार उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने के लिए प्राथमिकता दे रही है. ताकि उनका इलाज सुरक्षित ढंग से हो सके और उनका प्राण बचाया जा सके. उन्होंने कहा कि जब तक इस वायरस का इलाज या वैक्सीन नहीं आता तब तक इससे हारने के लिए यह हम सबकी सामूहिक जिम्मेवारी है कि हम सरकार के द्वारा जारी दिशानिर्देश का अक्षरस: पालन करें. सोशल डिस्टेंसिंग, हाथ को साबुन से बार बार धोना, एक दूसरे से वार्तालाप या बहार निकलने में हमेशा मास्क का उपयोग, भीड़ भाड़ से दुरी बनाये रखना जरुरी है. उन्होंने कहा की झारखंड सरकार मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में कोरोना से बचाव में काफी प्रभावी कदम उठायी है, जिसके कारण आज राज्ये में कोरोना से ठीक होने का डर पुरे देश में सबसे अधिक 89.45 प्रतिशत है, साथ ही मृत्यु डर भी देश के औसत से कम है. उन्होंने कोरोना से ठीक हुई लोगों से प्लाज़्मा डोनेट करने के लिए कहा.
इस वेबिनार में कोरोना के बारे में जानकारी देते हुवे डायबिटीज़ के सीनियर कंसलटेंट डॉ विनय ढांढनिया ने कहा कि कोरोना से सबसे ज्यादा खतरा वैसे शुगर रोगी जिनका शुगर लेवल अनियंत्रित रहता हो और जिनका बाईपास सेर्जेरी हुआ हो को है, इस कारण शुगर के मरीजों और बाईपास सर्जेरी वालों को हमेश कोरोना से बचाव के नियम – सोशल डिस्टन्सिंग, बार बार हाथ धोना, मास्क लगाना और आवश्यकता के विना बहार निकलना और भीड़ – भाड़ से बचना आवश्यक है. मुंह में एक कपडा या रुमाल लगाने से संक्रमण नहीं रुकता है, लोगों को मास्क भी आईसीएम्आर के द्वारा अनुमोदित लगाना चाहिए. उन्होंने कहा कि ज्यादा उम्र के रोगियों को यदि घर में अच्छी सुविधा हो और डॉक्टर कि सलाह प्राफ्त हो तो उन्हें घर पर ही रख कर ईलाज कराना चाहिए, क्योंकि उन्हें हॉस्पिटल में एकांतपन के कारण एंजाइटी का खतरा रहता है.
एसएनएम्एम्सीएच धनबाद के डॉ द्विवेदी पन्नगभूषण ने बताया कि यदि लक्षण कोरोना से मिलती हो जैसे सर्दी, नाक बहना, लगातार बुखार होना, शरीर में लगातार दर्द होना, कमजोरी लगना, स्वाद का नहीं होना तो हर हॉल में कोरोना जाँच करा लेनी चाहिए और जब तक जाँच रिपोर्ट नहीं आता तब तक अपने आप को क्वारेंटीन में रखना चाहिए, ताकि यदि रिपोर्ट पॉजिटिव भी हो तो दूसरे को कोरोना न फैले. और यदि रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो पुरे परिवार के सदस्यों कि जाँच करवानी चाहिए. उन्होंने कहा कि जाँच के लिए लोगों को घबराना नहीं चाहिए, क्योंकि जाँच में वे सभी मानक अपनाया जाता है जिससे कि कोरोना वायरस का प्रसार नहीं हो. उन्होंने बताया कि कोरोना से ठीक हुवे व्यक्तियों को प्लाज़्मा डोनेट करने के लिए आगे आना चाहिए, प्लाज़्मा देना खून देने से भी आसान है और कोई भी व्यक्ति 15 के अंतराल में अपना प्लाज़्मा दे सकता है साथ ही उन्हें ही प्लाज़्मा देना चाहिए जो पुरे तरह कोरोना से ग्रसित रहे हों. A सिम्प्टन वालों का प्लाज़्मा उतनी प्रभावी नहीं होता है.
हेल्थ पॉइंट, रांची के डॉ अनूप मोहन नैयर ने कहा कि वैसे रोगी जिनके शरीर में ऑक्सीजन लेवल काफी कम होती है, उन्हें हॉस्पिटल में तुरंत भर्ती कर देना चाहिए. आज भी लोग लापरवाही या डर से घर पर ही ईलाज कर रहे हैं, जिस कारण टेस्ट में देरी के कारण कोरोना रोगी गंभीर हालत में हॉस्पिटल पहुँच रहे हैं, जिन्हे बचाना मुश्किल हो रही है उन्होंने कहा कि कोरोना का खतरा सबसे ज्यादा बुजुर्गों और ऐसे लोगों को है जिन्हे पूर्व से ही कोई बीमारी हो, ऐसे लोगों को अपने बचाव के लिए कोरोना रोकथाम के लिए दिए गए निर्देशों को गम्भीरतापूर्वक पालन करनी चाहिए.
टीएम्एच जमशेदपुर के डॉ अजय अग्रवाल ने कहा कि हॉस्पिटल कोरोना और अन्य बिमारियों के ईलाज के लिए इससे सम्बंधित दिशानिर्देश का अक्षरस: पालन करते हैं, इस कारण लोगों के मन में यह भय नहीं होना चाहिए कि किसी अन्य बीमारी के ईलाज के लिए हॉस्पिटल जाने से कोरोना से ग्रसित होने का खतरा है. उन्होंने कहा कि कोरोना से ठीक होने के बाद भी कुछ मरीजों को कुछ तकलीफ हो रही है और लोगों को इसके लिए डॉ के सलाह के अनुसार ही दवाई लेनी चाहि. उन्होंने कहा कि लोगों को घर पर ही रहकर व्यायाम करनी चाहि. कोरों वायरस के लिए इम्युनिटी बस्टर कोई पक्का ईलाज नहीं है, परन्तु इसका नुकसान भी नहीं है, इसलिए इसे सीमित मात्रा में लिए जा सकता है.
इस वेबिनार के माध्यम से सीए अरविन्द मोदी, सीए सुगम सरायवाला, सीए सुनीत खोवाल और सीए अनीश जैन जो कि कोरोना वायरस से पीड़ित होकर पूरी तरह स्वाथ्य होकर लौटे हैं ने इस वायरस से सम्बंधित अपने अनुभव बताया साथ ही कहा कि इस वायरस से बचने का एकमात्र उपाय यह ही कि हम डॉक्टरों और सरकार कि सलाह को पूरी तरह अनुसरण करें.
इस वेबिनार के आरम्भ में इंस्टिट्यूट के रांची शाखा के अध्यक्षा सीए मनीषा बियानी ने झारखंड के स्वाथ्य मंत्री, वरिष्ठ डॉक्टरों के पैनल के सदस्य, इंस्टिट्यूट के केंद्रीय परिषद् सदस्य सीए अनुज गोयल, इंस्टिट्यूट के मध्य भारतीय क्षेत्रीय परिषद् के अध्यक्ष सीए देवेंद्र सोमानी और इस वेबिनार के माध्यम से जुड़े चार्टर्ड एकाउंटेंट्स को स्वागत करते हुवे कहा कि माननिये मुख़्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन और झारखण्ड के माननिये स्वाथ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के नेतृत्व में झारखंड सरकार ने कोरोना के नियंत्रण के लिए सीमित साधन में उल्लेखनीय कार्य किये है, रिम्स जैसे हॉस्पिटल में विस्तर बढ़ाई गए साथ ही A सिम्प्टन रोगियों के क्वारेंटीन के लिए अलग से व्यस्था किया गया. साथ ही डॉक्टरों, सफाईकर्मी और सुरक्षाकर्मी इस वैश्विक कोरोना महामारी में सबसे बड़े योद्धा बनकर उभरे है, इन्होने ही कोरोना के जहर के कहर से हमें बचाया है, इसके लिए इन्हे पुरे समझ और देश की ओर से सल्यूट करते हैं और धन्यवाद कहते है. इस वेबिनार के माध्यम से हमलोगों को कोरोना के प्रति झारखण्ड सरकार के दिशानिर्देश और इससे रोकने और कोरोना वायरस से पीड़ित लोगों के लिए किये जा रहे कार्यों कि जानकारी प्राफ्त होगी, साथ ही इस वेबिनार में उपस्थित वरिष्ठ डॉक्टरों के पैनल से हमें कोरोना वायरस का रोकथाम और इसके ईलाज से सम्बंधित हमारे मन में फैली भ्रांतियों को दूर करने में काफी सहायता मिलेग. साथ ही इस वेबिनार में अपने कुछ ऐसे सदस्य भी अपने अनुभव बांटेगे जिन्होंने कुछ समय पूर्व इस वायरस से लड़कर विजय प्राफ्त किये है.
इस वेबिनार के द्वारा इंस्टिट्यूट के केंद्रीय परिषद् के सदस्य सीए अनुज गोयल और इंस्टिट्यूट के मध्य भारतीय क्षेत्रीय परिषद् के अध्यक्ष सीए देवेंद्र सोमानी, जमशेदपुर के शाखाध्यक्ष सीए संजय गोयल और धनबाद शाखा के सचिव सीए शिवम् अग्रवाल ने भी अपने विचार रखे. अंत में रनक्सी शाखा के सचिव सीए प्रभात कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन के साथ अपने विचार रखे.
इस वेबिनार का संचालन रांची शाखा के पूर्व अध्यक्ष सीए जे पी शर्मा ने किये और तकनिकी सहयोग रांची शाखा के कोषाध्यक्ष सीए पंकज मक्कड़ ने किया.
इस महत्वपूर्ण वेबिनार के आयोजन में इंस्टिट्यूट के रांची शाखा के उपाध्यक्ष सीए प्रवीण शर्मा, कार्यकारिणी सदस्य सीए निशा अग्रवाल, सीए संदीप जालान, सीए विनीत अग्रवाल जमशेदपुर शाखा के सचिव सीए सुगम सरायवाला और उनके कार्यकारिणी सदस्य और धनबाद शाखा के सचिव सीए शिवम् अग्रवाल और कार्यकारिणी सदस्यों का महत्वपूर्ण योगदान था.