झारखंड
जब से झारखंड में फ़िल्म नीति बनी है तब से यहां फिल्मों का निर्माण लगातार हो रहा है. फ़िल्म के निर्माण में सबसे अहम रोल फ़िल्म की स्क्रिप्ट का होता है. फ़िल्म की कहानी लिखने में राइटर को काफी मशक्कत करनी पड़ती है. कुछ चुनिंदा स्क्रिप्ट राइटर हैं जिन्होंने इस फील्ड में बेहतरीन काम किया है, उनमें से एक नाम है प्रमिला उप्रेती छेत्री.
मूल रूप से वसा बाड़ी (जलपाईगुड़ी) की रहने वाली प्रमिला ने एक अभिनेत्री के तौर पर अपनी करियर की शुरुआत की. अभिनेत्री के रूप में उभरी प्रमिला ने बाद में स्क्रिप्ट राइटिंग को अपने कैरियर के रूप में चुना.
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अपनी फिल्मी करियर के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि-
मेरा फ़िल्म लाइन में कोई बैकग्राउंड नहीं था. एक शूटिंग देखने के दौरान मुझे फ़िल्म में एक्टिंग करने के लिए रोल ऑफर किया गया. पहली फ़िल्म राम और रहीम मिली जो बिहार बैकग्राउंड की सुरजापुरी क्षेत्रीय भाषा में थी. फिर मैंने लालीगुड़ा थिएटर में 2 महीना ट्रेनिंग लेकर एक साल तक थिएटर किया. प्रीत का जादू और पियर कर गांव पार्ट-2 नाम की सादरी फिल्मों में बतौर अभिनेत्री काम किया. उसके बाद दृश्टिकोण और हामी शरणार्थी नाम की नेपाली फ़िल्म में काम किया.
स्क्रिप्ट राइटिंग को लेकर इन्होंने बताया कि पहली स्क्रिप्ट में खुद को सामने रखकर 3 साल में स्टोरी तैयार किया और प्रोड्यूसर को सुनाया. उन्हें स्टोरी इतनी पसंद आई कि उसके बाद मैंने उनके साथ 4 फिल्मों के लिए कहानियां लिखी. पिछले 4 वर्षों में इन्होंने ढ़ेर सारी फिल्मों की कहानियां लिखी. मिस छेत्री ने अपने कामयाबी का पूरा श्रेय अपने माता-पिता को दिया है.