रांची:- राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से रांची नगर निगम की महापौर आषा लकड़ा के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने आज राज भवन जाकर उनसे मुलाकात की और विभिन्न मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपा.
बताया गया है कि नगर निकायों के कार्यों में लगातार राज्य सरकार की ओर किए जा रहे हस्ताक्षेप के विरोध में मेयर आशा लकड़ा के नेतृत्व में दस नगर निकायों के मेयर, डिप्टी मेयर, अध्यक्ष व उपाध्यक्ष ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपकर अपने हक व अधिकार की मांग की है. 10 नगर निकायों के चयनित जनप्रतिनिधियों ने राज्यपाल को बताया कि राज्य सरकार द्वारा गठित जुडको व सूडा के माध्यम से नगर निकायों के मूल कार्यों में लगातार हस्तक्षेप किया जा रहा है.
मेयर आशा लकड़ा ने राज्यपाल से इस मामले में आवश्यक कार्रवाई करने के लिये निर्देश मांगा. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को टेंडर प्रक्रिया शुरू करने से पहले किसी भी प्लान या पॉलिसी की विस्तृत जानकारी देते हुए नगर निकायों के जनप्रतिनिधियों को भी अवगत कराया जाए, ताकि किसी प्रकार की संशय की स्थिति उत्पन्न न हो. मेयर आशा लकड़ा ने कहा कि शहरी क्षेत्र में बेहतर सुविधाएं व अच्छी प्लानिंग या पॉलिसी को धरातल पर उतारने के लिए जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों के बीच बेहतर सामंजस्य स्थापित करने की जरूरत है. यदि झारखंड नगरपालिका अधिनियम 2011 के प्रावधानों को ध्यान में रखते हुए विभागीय अधिकारी किसी भी प्रस्ताव पर सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाएंगे तो किसी भी योजना, प्लानिंग या पॉलिसी को धरातल पर उतारने में अड़चनें उत्पन्न नहीं होंगी.
उन्होंने कहा कि नगर विकास विभाग के अधिकारी नगर निकायों से उनकी आवश्यकताओं की जानकारी लिए बिना जुडको व सूडा के माध्यम से नगर निकायों के मूल कार्यों में लगातार हस्तक्षेप कर अपनी मनमानी कर रहे हैं. सिर्फ यही नहीं विभागीय अधिकारियों की सह पर जुडको व सूडा के माध्यम से टेंडर निष्पादित करने का कार्य भी किया जा रहा है. जबकि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 243 (फ) के तहत गठित नगर निगम एक स्वायत्तशासी संस्था है.