नई दिल्ली: कोरोना और लॉकडाउन के बाद भारत को हर क्षेत्र में मजबूत कर रहा है. रक्षा क्षेत्र को मजबूत करने के कई प्रयास र रहा है. इसी कड़ी में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ने भारतीय सेनाओं के लिए बेहद जरूरी एंटी ड्रोन्स सिस्टम्स के विकास और उत्पादन की जिम्मेदारी भारत इलेक्ट्रॉनिक्स को सौंपी है.
रिपोर्ट के मुताबिक, ये एंटी-ड्रोन सिस्टम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा का भी हिस्सा होंगे. इन पोर्टेबल ‘ड्रोन किलर’ को उनके हर काफिले में मौजूद रखा जाएगा, ताकि किसी भी तरह का खतरा न हो.
दरअसल, पाकिस्तानी आतंकवादी लाइन ऑफ कंट्रोल और इंटरनेशनल बॉर्डर के पार जम्मू-कश्मीर में हथियार भेजने के लिए चाइनीज निर्मित कॉमर्शल ड्रोन्स का इस्तेमाल कर रहे हैं. डीआरडीओ ने पैसिव और एक्टिव एंट्री ड्रोन टेक्नॉलजी विकसित की है जिससे दुश्मन के ड्रोन्स को निष्क्रिय कर कुछ ही पलों में धवस्त किया जा सकता है.