पटना: अरुणाचल प्रदेश में जनता दल यूनाइटेड के 6 विधायकों के बीजेपी में शामिल होने पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार काफी नाराज हैं. बीजेपी से नीतीश की नाराजगी इस कदर फूटी कि उन्होंने यह तक कह दिया कि उन्हें मुख्यमंत्री बनने की कोई भी लालसा नहीं थी, उन पर दबाव डाला गया था तब जाकर उन्होंने मुख्यमंत्री पद का पदभार ग्रहण किया.
नीतीश के इस बयान पर अब बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री व वर्तमान राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि जद (यू) के लोगों ने कहा है कि अरुणाचल में जो कुछ भी हुआ है उसका असर बिहार और बिहार सरकार के गठबंधन पर नहीं होगा. बिहार के अंदर भाजपा-जदयू का गठबंधन अटूट है. नीतीश जी के नेतृत्व में पूरे पांच साल तक काम करेगी सरकार.
दरअसल, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दौरान एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि बिहार चुनाव परिणाम के बाद वो सीएम पद पर नहीं रहना चाहते थे. बीजेपी के दबाव के कारण उन्हें सूबे का मुख्यमंत्री बनना पड़ा. उन्होंने कहा, ‘मेरी मुख्यमंत्री बनने की कोई इच्छा नहीं थी. मैंने कहा था कि जनता ने अपना जनादेश दिया है और किसी को भी मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है, भाजपा अपना मुख्यमंत्री बना सकती है.’ नीतीश कुमार के इस बयान ने बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी है.