अंकुर, मंथन, एक डॉक्टर की मौत और दो आंखे बारह हाथ भी है फेवरेट फिल्म
प्रेमचंद, खलिल गिबरन, स्वामी विवेकानंद और डॉ एस राधाकृष्णण की किताबें बढ़ाती हैं हौसला
प्रेमचंद की पंच परमेश्वर और खलिल गिबरन की मिरर ऑफ़ द सॉल सबसे पसंदीदा किताब
किताबों से ज्यादा वफादार कोई दोस्त नहीं हो सकता
रांची: इस्पात की चौखट लांघ कर आइएएस बनना। फिर शासन-प्रशासन में बेहतर परफॉरमेंस कर लोगों के बीच अपनी पहचान बनाना। करियर में एक्सपोजर भी पाना। इतने रास्तों से गुजर कर मंजिल पाने के पीछे कहीं न कहीं कोई आइडियल होता है। प्रेरणादायी किताबों का साथ मिलता है या कोई ऐसी फिल्म जो आगे बढ़ने के लिए हमेशा हौसला देती है। अधिकांश ब्यूरोक्रेट्स इन्हीं मूलमंत्रों को आत्मसात कर आगे बढ़ते हैं। झारखंड कैडर की आइएएस अफसर निधि खरे की प्रेरणा स्त्रोत किताबें, सामानांतर फिल्में और आइडियल पर्सन रहे हैं। 1992 बैच की अफसर निधि खरे वर्तमान में केंद्रीय गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव के पद पर तैनात हैं। उन्हें सामांतार फिल्में पसंद हैं। वे कहती हैं कि फिल्में कहीं न कहीं मार्गदर्शन करती हैं। गंभीर फिल्में भटकाती नहीं। उनकी फेवरेट फिल्मों की लिस्ट में अंकुर, मंथन, एक डॉक्टर की मौत, दो आंखे बारह हाथ और जंजीर हैं। इन सभी में सुपर स्टार अमिताभ बच्चन की फिल्म जंजीर बेहद पसंद हैं।
पंच परमेशर को बार-बार पढ़ना है पसंद
आइएएस अफसर निधि खरे कहती हैं कि किताबों से ज्यादा वफादार कोई दोस्त नहीं हो सकता है। इनसे मिले ज्ञान जीवन भर साथ रहते हैं। इनका मूल्य रत्नों से भी अधिक होता है क्योंकि किताबें अन्त:करण को उज्ज्वल करती हैं। मानसिक विकास में सहायक साबित होती हैं। ं हमेशा सही रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित करती हैं। उन्होंने कहा कि आज भी समय निकाल कर प्रेमचंद, खलिल गिबरन, स्वामी विवेकानंद और डॉ एस राधाकृष्णन की किताबें पढ़ते हैं। इसमें प्रेमचंद की पंच परमेश्वर सबसे पसंदीदा है। इसके अलावा सोजे वतन, गोदान, कफन, निर्मला, गबन, ईदगाह, पूस की रात, नमक का दारोगा व शतरंज के खिलाड़ी भी पसंदीदा किताब है। वहीं खलिल गिबरन की द ब्रोकेन विंग्स, सैंड एंड फोम, टीयर एंड स्माइल, द वंडरर, द आइ आॅफ प्रोफेट पसंसदीदा किताब है। लेकिन इन सबमें मिरर आॅफ द सॉल को बार-बार पढ़ती हूं। वहीं स्वामी विवेकानंद और डॉ एस राधाकृष्णन की किताबें भी प्रेरणादायी हैं।
अहिल्याबाई होल्कर से भी मिलती है प्रेरणा
निधि खरे कहती हैं कि अहिल्याबाई होल्कर को एक ऐसी महारानी के रूप में जाना जाता है, जिन्होंनें भारत के अलग अलग राज्यों में मानवता की भलाई के लिये अनेक कार्य किये थे। इस कारण भारत सरकार तथा विभिन्न राज्यों की सरकारों ने उनकी प्रतिमायें बनवायी हैं और उनके नाम से कई कल्याणकारी योजनाओं भी चलाया जा रहा है। उनके कल्याणकारी कार्य आज भी प्रेरणा देते हैं। इसके अलावा सुभाष चंद्र बोस और अब्रहम लिंकन से भी प्रेरणा मिलती है। सुभाष चंद्र बोस के बोल आज भी जेहन में गूंजते हैं।