धनबाद : गरीबों को समय पर उनका राशन दिलाने और प्रक्रिया में चोरी व लापरवाही रोकने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार अब ‘एक देश, एक राशन कार्ड’ की योजना पर काम कर रही है. गरीबों को
सस्ते दर पर अनाज देने के लिए इस्तेमाल किये जाने वाले राशन कार्ड को आधार नंबर से जोड़ देने से इस प्रणाली में चोरी और धांधली रोकने में जोर दे रही है.
उपभोक्ता मामले और खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने दावा किया है, कि केंद्र सरकार ‘एक देश, एक राशन कार्ड’ लाने की दिशा में आगे बढ़ रही है. केंद्र सरकार ने अब उपभोक्ताओं की सहूलियत के लिए ‘एक राष्ट्र-एक कार्ड’ योजना शुरु करने का फैसला लिया है. इससे उपभोक्ता किसी दूसरे राज्य की किसी भी राशन दुकान से रियायती दरों पर अनाज ले सकेंगे.
‘एक देश,एक राशन कार्ड’ की इस सुविधा से रोटी और नौकरियों के लिए शहरों की ओर पलायन करने वाले गरीबों को सबसे ज्यादा फायदा मिल सकेगा, लेकिन इसकी जमीनी हकीकत कुछ और ही है… धनबाद जिले के हर प्रखंड के लोग कार्ड बनाने के लिए दौड़ लगा रहे हैं इसके बावजूद कार्ड नहीं बन पा रहे हैं. यहां सुबह से शाम गुजर जाता है, लेकिन जरूरतमंदों के कार्ड नहीं बन रहा है. किसी ने एक महीने पहले आवेदन किया है तो किसी ने आठ महीने पहले. आलम यह है कि अब लोगों ने आश भी छोड़ दि है.
इसकी जमीनी हकीकत देख भाजयुमो जिला मीडिया प्रभारी बप्पी बाउरी ने कहा कि वे इसकी लिखित शिकायत स्थानीय सांसद और विधायक के अलावा मुख्यमंत्री से करेंगे. उन्होंने ऐसी व्यवस्था पर नाराज़गी भी जताई है.