नई दिल्ली: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को कहा कि कृषि कानूनों का लक्ष्य किसानों को फायदा पहुंचाना है और यह उनके खिलाफ नहीं है. उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों को लेकर वो केंद्र के साथ हैं. इसके साथ ही नीतीश ने कृषि कानूनों के खिलाफ कई दिनों से चल रहे किसान आंदोलनों के जल्द समाधान की उम्मीद भी जताई. नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद वो प्रेस से बातचीत कर रहे थे.
पीएम मोदी से मुलाकात पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि बिहार में चुनाव के बाद तो उनसे मिलने का मौका नहीं मिला था, तो ऐसे में आज उनसे मिलने आए थे.
नीतीश ने कहा, ‘इस मुलाकात से कुछ मतलब मत निकालिएगा. आपस में जो बातचीत होती है बस वही है, कुछ डिमांड या कुछ और मत समझिएगा. गठबंधन में सभी लोग बात करते रहते हैं, क्या जरूरतें हैं, पर्यावरण पर शिक्षा पर वगैरह-वगैरह.’
नीतीश ने कहा कि पीएम मोदी से मुलाकात के दौरान बिहार में कैबिनेट बंटवारे को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई. उन्होंने कहा, ‘हम लोग तो साथ हैं ही न, कैबिनेट के बारे में कोई बात नहीं हुई है, हम लोग तो साथ हैं, तो सबके बारे मे क्या बोलना, हम लोगों के खिलाफ बोलकर अगर किसी को संतोष होता है, तो वे बोलते रहें. हम लोग जानते हैं, कुछ लोग बोलते रहते हैं, उनको तो समझ है न ठीक है.’
नीतीश कुमार ने फरवरी में पेश आम बजट 2021-22 की भी तारीफ की. उन्होंने कहा, बजट बुहत अच्छा है इस बार. कोरोना संकट के बावजूद भी केंद्र सरकार अच्छा बजट लेकर आई है. हम लोग भी लाने वाले हैं.’
गौरतलब है कि तीन कृषि कानूनों को वापस लिए जाने और फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानूनी गारंटी देने की मांग के साथ पंजाब, हरियाणा और देश के विभिन्न हिस्सों से आए हजारों किसान दो महीनों से अधिक समय से राष्ट्रीय राजधानी की विभिन्न सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं.
क्या है मामला
कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार के तौर पर सरकार ने सितंबर में तीनों कृषि कानूनों को लागू किया था. सरकार ने कहा था कि इन कानूनों के बाद बिचौलिए की भूमिका खत्म हो जाएगी और किसानों को देश में कहीं पर भी अपने उत्पाद को बेचने की अनुमति होगी. वहीं, किसान तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े हुए हैं. प्रदर्शन कर रहे किसानों का दावा है कि ये कानून उद्योग जगत को फायदा पहुंचाने के लिए लाए गए हैं और इनसे मंडी और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की व्यवस्था खत्म हो जाएगी.