NEW DELHI:प्रियंका गांधी को अपने बीच देखकर चिल्ड्रेन नेशनल स्कूल के बच्चे भी खूब उत्साहित रहे. प्रियंका गांधी के सवालों का जवाब दिया ही उन्हें इंदिरा गांधी जैसा बताया. बच्चों ने कहा कि आप अपनी दादी जैसी लग रही हैं मैम. इस पर प्रियंका ने खूब ठहाका भी लगाया. उन्होंने बच्चों की क्लास भी ली और कोरोना से निपटने के लिए हैंडवॉश के तरीके भी बताए.
स्वराज भवन पहुंचने के बाद उन्होंने चिल्ड्रेन नेशनल स्कूल के बच्चों के साथ तकरीबन आधे घंटे का वक्त बिताया. स्वराज भवन को देखने के बाद वह सीधे इंस्टीट्यूट पहुंची और वहां लॉन में कु पर बैठकर बच्चों से ढेर सारी बातें की. सबसे पहले उन्होंने बच्चों के नाम जाने और फिर उनसे पढ़ाई-लिखाई के बारे में पूछा.कहा कि आप लोग कैसे पढ़ाई कर रहे हो! बच्चों ने बताया कि वे स्कूल नहीं जा रहे हैं ऑनलाइन ही पढ़ाई कर रहे हैं. इस पर उन्होंने ऑनलाइन क्लासेस करने के बारे में भी तरीके बताए.
फिर पूछा कि कोरोना महामारी फैली है, इससे बचने के लिए क्या-क्या करते हो. हैंडवॉश करते हो कि नहीं. इस पर बच्चों ने बोला कि वह खाने से पहले, नाश्ते से पहले हैंडवॉश करते हैं. फिर उन्होंने आप लोग मोती लाल नेहरू, जवाहर लाल नेहरू और इंदिरा गांधी को जानते हो, बच्चो ने हां में जवाब दिया. बोला कि आप तो इंदिरा गांधी जैसे लगते हो. इस पर प्रियंका गांधी ठहाके मारकर हंसी, बगल में बैठीं उनकी बेटी मारिया भी मुस्कुराने लगीं. इस दौरान बच्चों ने इतनी शक्ति हमे देना दाता गीत भी गाए.
उन्होंने छह साल की अनन्या और आठ साल की रागिनी को गोंद भी बिठाकर दुलारा और कहा कि इस बार तो उनके पास ज्यादा समय नहीं है लेकिन अगली बार आउंगी तो दो घंटे तक साथ रहूंगीं. इतना कहने के बाद कांग्रेस महासचिव स्वराज भवन के अंदर गईं और वहां 15 मिनट बिताने के बाद संगम स्नान के लिए निकल पड़ी. इस मौके पर अनाथालय की सरोज सिंह सहित चिल्ड्रेन इंस्टीट्यूट के कई अन्य अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे. स्वराज भवन पहुंचने पर प्रियंका गांधी ने सबसे पहले अपने पुरखों को श्रद्धांजलि अर्पित की और उसके बाद वहां की व्यवस्थाओं का जायजा भी लियां. स्वराज भवन के अधिकारियों ने उन्हें जानकारियां दीं. इस दौरान अनाथालय में बड़ी हो चुकी बच्चियों के रोजगार के मामले में भी चर्चा की गई.
कांग्रेस महासचिव अपने पैतृक आवास पहुंचने के बाद सबसे पहले पुरखों की याद में बनाए गए चबुतरे पर गईं. वहां उन्होंने पुष्प चढ़ाए और नमन किया. इसके बाद वह संग्रहालय देखती हुईं स्वराज भवन के सचिव के पास पहुंची और उनसे वहां की व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी ली. सचिव से भवन के परिसर में लॉन विकसित करने के बारे में पूछा. कहा कि जो पहले से तय किया गया था उसका क्या हुआ, इस पर सचिव ने जानकारी दी कि लॉन को विकसित कर दिया गया है.
उन्होंने चिल्ड्रेन नेशनल इंस्टीट्यूट की मरम्मत और उसके दीवार की पोताई के बारे में पूछताछ की. बताया गया कि इन दोनों कार्यों को भी करा दिया गया है. तकरीबन आधे घंटे तक स्वराज भवन में रहने के दौरान उन्होंने चिल्ड्रेन नेशनल इंस्टीट्यूट की बड़ी हो रही बच्चियों के रोजगार उपलब्ध कराने सहित कई अन्य मामलों के बारे में भी चर्चा की. तय हुआ कि अगली बार जब आएंगी तो वह इस संबंध में कोई ठोस निर्णय लेंगी.