रांचीः देश की अर्थव्यवस्था को सशक्त करने और सकल घरेलू उत्पाद यानि जीडीपी को बढ़ाने मे महिलाओं का महत्वपूर्ण योगदान है. इसलिए जरुरत इस बात की है कि महिलाओं के श्रम को महत्व दिया जाय. कामकाजी महिलाएं दोहरी जिम्मेदारी निभाने का काम करती हैं एक ओर वे अपने कार्यस्थलों पर मुस्तैदी से काम करने के बाद दूसरी ओर घर आकर बच्चों और परिवार के देखभाल के काम मे लग जाती हैं. लेकिन उनकी इस महत्वपूर्ण भूमिका को नजरअंदाज किया जाता रहा है इसलिए महिलाओं को अपने अधिकारों के लिये और पितृसत्तात्मक व्यवस्था की कुरीतियों के खिलाफ एकजुट होकर संघर्ष करना होगा. यह बात आज बेफी की रूपा खलको की अध्यक्षता मे संपन्न रांची जिला बैंक कर्मचारी संघ (बेफी)की ओर से इंडियन बैंक मे अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कामकाजी महिला समन्वय समिति की संयोजक रेणू प्रकाश ने कही. उन्होंने कहा कि जिन्हें हम घरेलू महिला या हाउस वाइफ कहते हैं वो सारा दिन घरेलू कामों, सफाई, बच्चों की परवरिश,बुजुर्गों की सेवा सुश्रसा , खाना बनाना और विभिन्न तरह के घरेलू कामो को दक्षता के साथ निपटाती हैं लेकिन उनके योगदान का जिक्र बहुत कम होता है. खेती – किसानी मे भी महिलाओं के श्रम की बड़ी भूमिका है लेकिन उन्हें किसान का दर्जा नही मिला है इसलिए अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर हम सभी महिलाओं को यह शपथ लेना होगा कि अपने श्रम की मान्यता दिलाए जाने के लिए हम संगठित होकर आगे बढेगें और आधी आबादी के न्यायोचित अधिकारों को हासिल करेंगे
कार्यक्रम को अन्य लोगों के अलावा बेफी के एम.एल सिंह कनक रंजन, जे. गुड़िया, विजेता, सिलविया,प्रमिला, कविता, गौतम ने भी संबोधित किया. कार्यक्रम मे एक प्रस्ताव पारित कर 15 – 16 मार्च को बैंकिंग सेक्टर और 17 – 18 मार्च को इंश्योरेंस सेक्टर मे होने वाली अखिल भारतीय हड़ताल को सफल बनाने का संकल्प व्यक्त किया गया.