रांची: शराब माफियाओं की अब खैर नहीं नकली और अवैध शराब का कारोबार करने वाले कारोबारी जिला बदर किए जाएंगे. इसके लिए उत्पाद विभाग ने शराब के अवैध धंधे में शामिल कारोबारियों की वांटेड लिस्ट तैयार की है.
इस सूची में वैसे सभी शराब माफियाओं को शामिल किया गया है. जो झारखंड में नकली शराब का कारोबार करते हैं. इन कारोबारियों के खिलाफ अब पुलिस क्राइम कंट्रोल एक्ट (सीसीए) के तहत कार्रवाई करते हुए जिला बदर करेगी. जो जेल में बंद है, उनपर भी सीसीए की कार्रवाई होगी.
रांची पुलिस ने भी ने राजधानी के लिए खतरनाक हो चुके अवैध शराब कारोबारियों की एक लिस्ट तैयार की है, ताकि उन पर सीसीए के तहत करवाई की जा सके.पुलिस की योजना है कि रांची में सक्रिय अवैध शराब के कारोबारी जिलाबदर किये जायें. साथ ही उन्हें थाना में हाजिरी भी लगवाई जाए.पुलिस ने निर्णय लिया है कि पुराने शराब कारोबारी जिनके खिलाफ पहले से शराब तस्करी या बेचने के आरोप में दो या उसके अधिक केस दर्ज हैं, उन्हें खिलाफ जिला बदर की कार्रवाई की जायेगी. इसके अलावा वैसे पुराने शराब कारोबारी, जिनके खिलाफ एक केस दर्ज है या उनका नाम संदिग्ध शराब कारोबारी के रूप में सामने आ चुका है, पुलिस उनके खिलाफ थाना हाजिरी का प्रस्ताव तैयार कर रही है.
इन शराब माफियाओं को लिस्ट में किया गया है शामिल–
बालकर्ण महतो और जटलु महतो – नगड़ी ,गुड्डू साहू और विष्णु साहू – चान्हो ,सुनील- मांडर ,गंगा साहू -हरा टांड, हेतु
सोनाराम और मोनाराम – होचर. नरेश सिंधिया- नामकुम
राजन साहु -हुंडरू,आनंद साहू, – बुंडू ,पंकज प्रसून – पंडरा
गणेश गोराई और देबू – हातमा,नागेन्द्र सिंह- कटहलमोड़
सौरभ साहू – दस माइल ,संजय साहू– चंदवे विष्णु पोद्दार – सिल्ली ,शक्ति–पिठोरिया, बालमुकुंद निराला उर्फ राहुल – कांके,पिठोरिया ,बाबू और बिहारी , हराटांड़.
वांटेड पंकज प्रसुन का नेटवर्क चंडीगढ़ से निकलकर अरुणाचल जाने वाली शराब की तस्करी के लिए काम करता है. सस्ती दर वाली शराब चंडीगढ़ से मंगवाकर रांची में रिपैकेजिंग करवाकर बिहार और रांची के लोकल बाजार में बेचता है. इसके लिए उसने ट्रांसपोर्ट, सप्लायर सहित पूरा नेटवर्क तैयार कर रखा है.
सस्ती कीमत की शराब चंडीगढ़ से निकलकर गढ़वा, पलामू, लातेहार, कुड़ू के रास्ते घुसकर कर रांची तक पहुंचता है. जबकि संबंधित सप्लायर के पास अरुणाचल प्रदेश जाने के लिए पास भी बना होता है. उत्पाद विभाग और पुलिस इस पूरे नेटवर्क को खंगालने में जुटी है. प्रसुन के खिलाफ बिहार में भी कई मामले दर्ज हैं. जिसे उत्पाद विभाग और पुलिस की टीम खंगाल रही है.