मुंबई : मुंबई के दादर स्थित कोहिनूर मिल की भूमि पर बने 52 मंजिली इमारत कोहिनूर स्क्वेयर मामले में गुरुवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) मनसे नेता नितीन सरदेसाई से पूछताछ कर रहा है. इस मामले में ईडी मनसे प्रमुख राज ठाकरे, पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर जोशी के बेटे उन्मेश जोशी, बिल्डर व मनसे नेता राजन शिरोडकर से पहले ही पूछताछ कर चुका है. हालांकि ईडी ने इस मामले में अभी तक कोई अधिकृत बयान जारी नहीं किया है. ईडी की कार्रवाई को मनसे बदले की कार्रवाई बता रही है. सरदेसाई मनसे प्रमुख राज ठाकरे के बेहद करीबी माने जाते हैं.
कोहिनूर स्क्वेयर मामले में हुई आर्थिक अनियमितता के बाद ईडी इसकी जांच कर रही है. कोहिनूर मिल की जमीन खरीदने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर लिजींग एंड फाइनेंशियल सर्विसेस (आईएलएफएस) से राज ठाकरे, राजन शिरोडकर और उन्मेश जोशी ने 860 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था. यह कर्ज लेने के लिए मनसे नेता राज ठाकरे और अन्य ने कोहिनूर सीटीएनएल नामक कंपनी बनायी थी. कर्ज लेने के बाद 2008 में राज ठाकरे ने इस कंपनी के अपने सारे शेयर बेच दिए थे. आईएलएफएस को आर्थिक नुकसान हुआ था, जबकि राज ठाकरे को इसमें 20 करोड़ रुपये का लाभ हुआ था.
इस मामले में ईडी का कहना है कि राज ठाकरे ने भले ही कंपनी का शेयर बेच दिया था, लेकिन राज ठाकरे व उनके समर्थक कंपनी के कामकाज में सक्रिय रहे हैं. जब कर्ज देने वाली कंपनी को आर्थिक नुकसान हुआ है तो मनसे नेता को किस तरह लाभ हो सकता है, इडी इसी मामले की जांच कर रहा है. ईडी ने इस मामले में राज ठाकरे से 22 अगस्त को पूछताछ की थी. ईडी सूत्रों का कहना है कि जरूरत पड़ने पर राज ठाकरे से और पूछताछ की जाएगी.
उल्लेखनीय है कि राज ठाकरे कह चुके हैं कि कोहिनूर स्क्वेयर मामले से उनका कोई संबंध नहीं है. लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने भाजपा के विरुद्ध जोरदार प्रचार किया था, इसी वजह से उन्हें अनायास इस मामले में घसीटकर उनकी व मनसे की प्रतिष्ठा धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है.