शहरों की स्वच्छता रैंकिंग जारी करने के बाद केंद्र सरकार अब रियल टाइम आधार पर सड़कों, गलियों, मोहल्लों की सुरक्षा व स्वच्छता रेटिंग का मॉडल तैयार कर रही है. पायलट प्रोजेक्ट के तहत एक हफ्ते में उत्तर प्रदेश के वाराणसी की गलियों व इलाकों की स्वच्छता और अक्तूबर के अंत तक महाराष्ट्र के पुणे की सुरक्षा रेटिंग जारी हो जाएगी.
केंद्रीय आवास व शहरी मामलों के मंत्रालय सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने बताया कि स्मार्ट सिटी मिशन के तहत मंत्रालय एक-एक मॉडल तैयार कर रहा है. फिलहाल स्वच्छता व सुरक्षा मॉडल पर काम हो रहा है. इसके सफल होने पर दूसरे शहर इसी मॉडल पर काम करेंगे. इसमें ऑनलाइन डाटा की अहम भूमिका है. सरकार की कोशिश है कि 2024 तक देश के चार हजार से ज्यादा शहरों के डाटा एक प्लेटफार्म आ जाएं. अलग-अलग क्षेत्र के लोग इन आंकड़ों का अपनी जरूरत के हिसाब से इस्तेमाल कर सकेंगे.
अधिकारियों का कहना है कि महिलाओं व बच्चों की सुरक्षा के लिहाज से पुणे का मॉडल बेहतर साबित होगा. मंत्रालय का इंडियन अर्बन ऑब्जरवेटरी (आईयूओ) अलग-अलग जगहों से डाटा जुटाकर एक प्लेटफार्म पर ला रहा है. इसमें सड़क व क्षेत्र विशेष का क्राइम रिकॉर्ड, सड़कों व गलियों का ढांचा, लाइटिंग, क्षेत्रवार आबादी, पुलिस पेट्रोलिंग की स्थिति, सीसीटीवी कैमरों की संख्या आदि के आधार हर गली व सड़क की सुरक्षा रेटिंग होगी. दिलचस्प यह है कि तयशुदा मानकों के आधार पर रेटिंग साफ्टवेयर सिस्टम से ही होती रहेगी.