रांची: पोस्टमार्टम हाउस को कोई भूतों का घर कहता है तो कोई मुर्दों का अड्डा. लाशों और उड़ती बदबू कि बीच मंजर इतना खौफनाक होता है कि इसका आम इंसान कल्पना भी नहीं कर सकता. जब BNN BHARAT की टीम ने पड़ताल की तो पता चला की रिम्स के फॉरेंसिक डिपार्टमेंट में हर दिन 15 -18 पोस्मार्टम किये जाते है . अगर पिछले 3 साल की आकड़ों की बात करे तो 2017 में 2974, 2018 में 3440 और 2019 में अबतक 2625 पोस्मार्टम किये जा चुके है.
रिम्स की फॉरेंसिक डिपार्टमेंट में है डॉक्टरों की कमी
हर दिन करीब 15 से 18 पोस्टमार्टम किये जाते है, लेकिन डॉक्टर की कमी की वजह से सही समय पर पोस्टमार्टम नहीं हो पाता है, और जो डॉक्टर मौजूद है उन्हें भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. रिम्स के फॉरेंसिक डिपार्टमेंट में 5 पीजी डॉक्टर्स, 4 होम सर्जन, 1 मेडिकल अफसर, 3 ट्यूटर मौजूद है. जबकि वहां के प्रोफेसर ए.के. चौधरी का कहना कि फॉरेंसिक डिपार्टमेंट में मेडिकल अफसर की कमी है, जिसकी वजह से समय से कार्य नहीं हो पता है और बहुत सारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
उन्होंने कहा कि हमें पीजी के छात्रों को भी ट्रेनिंग देनी होती है, जो कि नहीं हो पाता है. क्योंकि मेडिकल अफसर की कमी की वजह से कभी हमें भी पोस्टमार्टम करना पड़ता है. उन्होंने मांग की है कि कम से कम 7 मेडिकल अफसर की जरूरत है और जो पीजी छात्र है उन्हें 3 साल की टेन्योर की जगह पर परमानेंट किया जाए. इसके लिए उन्होंने सचिव से भी बात की है. उन्होंने आश्वासन दिया है कि हम इसको पूरा करेंगे. अब आने वाले समय में पता चलेगा कि डॉक्टर की नियुक्ति होती है या नहीं.