ब्यूरो चीफ
रांची: झारखंड की रघुवर दास सरकार ने पिछले पांच वर्षों में कई बड़े फैसले लिये हैं और इसे लागू करने की दिशा में कार्रवाई भी की है. इसकी फेहरिस्त काफी लंबी है. इन फैसले का लाभ आम जनता तक पहुंचाने में सरकार अब अपने प्रचार तंत्र और सीएम डैश बोर्ड तक का इस्तेमाल कर रही है. इसमें अब तक कैबिनेट के फैसले से लेकर बड़ी घोषणाओं तक का जिक्र है. सीएम डैश बोर्ड में उपलब्धियों की सूची भी तिथिवार अंकित की गयी है.
सरकार ने सबसे पहले स्थानीय और नियोजन नीति घोषणा की. इस पर पूर्ववर्ती सरकारें निर्णय नहीं ले पा रही थीं. इस नीति के लागू होने से जिलावार स्थानीय लोगों को तृतीय, चतुर्थ वर्ग के पदों पर आरक्षण का लाभ दिया जा रहा है. जिले के रोस्टर के आधार पर अन्य सरकारी नियुक्तियों में भी इसका अनुपालन किया जा रहा है. सरकार की नियोजन नीति के हिसाब से ही शिक्षकों की नियुक्ति (हाई स्कूल और मीडिल स्कूल) की गयी. फिलहाल मामला कोर्ट में विचाराधीन है, जिसमें सरकार द्वारा की गयी नियुक्ति संबंधी कार्रवाई को चुनौती दी गयी है. सरकार ने राईट टू सर्विस एक्ट को भी क्रियान्वित किया है. इसमें 60 से अधिक तरह की सेवाओं को इलेक्ट्रोनिक आधार पर लागू किया गया है, जिसकी सुविधा 45 सौ से अधिक पंचायतों में 13 हजार से अधिक प्रज्ञा केंद्रों के मार्फत उपलब्ध करायी जा रही है.
इलेक्ट्रोनिक डिवाइस एक्ट और सरकार की आईटी पॉलिसी भी निवेशकों को आकर्षित करने के लिए बनायी गयी है. नियोजन नीति से पुलिस कर्मियों की बहाली की गयी है, जिससे पुलिस कर्मियों की संख्या 53 हजार से अधिक हो गयी है.
एक रुपये में महिलाओं को 50 लाख की संपत्ति की रजिस्ट्री भी सरकार की तरफ से की जा रही है. अब तक इसमें 1.50 लाख महिलाएं अचल संपत्ति की मालकिन बन चुकी हैं.
मुख्यमंत्री सुकन्या योजना के तहत 27 लाख परिवारों को 30 हजार रुपये तक की सहायता राशि पहली कक्षा से लेकर 18 वर्ष तक बालिका कन्या की आयु होने पर दी जा रही है.
सरकार की तरफ से झारखंड को ड्रॉप आउट बनाने की दिशा में सफल प्रयास किया गया है. 2014 में झारखंड में ड्राप आउट की स्थिति 5.34 फीसदी तक थी. अब झारखंड जीरो ड्रॉप आउट बन गया है. सरकार की तरफ से इलेक्ट्रोनिक सर्विस डिलिवरी एक्ट को भी लागू किया गया है. इतना ही नहीं महात्मा गांधी के अनुयायी रहे टाना भगतों के लिए टाना भगत विकास प्राधिकार बनाया गया है.
मुख्यमंत्री कृषि आर्शीवाद योजना के अंतर्गत राज्य के 13.70 लाख किसानों को छह-छह हजार रुपये की सहायता राशि भी दी जा रही है. सरकार की तरफ से भवन निर्माण निगम का गठन किया गया है, जहां से सभी बड़े सरकारी भवनों के निर्माण कार्य को अमली जामा पहनाया जा रहा है. सरकार की तरफ से विनोद बिहारी महतो विश्वविद्यालय भी स्थापित किया गया है. इसके अलावा हजारीबाग, दुमका और पलामू में तीन नये मेडिकल कॉलेज की स्थापना की गयी है. सरकार की तरफ से इंजीनियरिंग, मेडिकल, डिप्लोमा स्तरीय पाठ्यक्रम में दाखिला लेने के लिए ऑनलाइन काउंसेलिंग की प्रक्रिया शुरू की गयी है. इसके अलावा राज्य में संवेदकों के निबंधन के लिए ऑनलाइन आवेदन देने की व्यवस्था भी शुरू की गयी है.
सरकार ने हाल ही में 73074 आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका के मानदेय में पांच सौ रुपये की बढ़ोत्तरी की है. अब सेविका को हर माह 64 सौ रुपये और सहायिका को 3200 रुपये प्रति माह का मानदेय दिया जायेगा. राज्य के 35292 आंगनबाड़ी केंद्रों और सवा चार लाख विद्यालयों में रेडी टू ईट फूड पैकेट्स का निर्माण करने की जवाबदेही महिला स्वावलंबी संगठनों को देने का भी फैसला लिया गया है.
अनुसूचित जाति, जनजाति के लोगों के विकास के लिए जनजातीय आयोग भी गठित की गयी है. वाणिज्य कर, खनन कर, अन्य राजस्व भुगतान की व्यवस्था भी पूरी तरह कंप्यूटरीकृत कर दी गयी है.