हजारीबाग: पदमा के बीआरपी पुरुषोत्तमानंद पाठक ने बुधवार की सुबह करीब 8.30 बजे रिम्स में आखिरी सांस ली. बता दें कि उनके लीवर में शिकायत थी और दो दिन पहले ही वेल्लौर से लौटे थे. 50 वर्षीय पुरुषोत्तमानंद पाठक क्षेत्र के प्रख्यात विद्वान पं. अंबिकादत्त पाठक के सबसे छोटे पुत्र थे.
उन्होंने कानून की डिग्री भी ले रखी थी. उनकी पत्नी कविता पाठक पारा शिक्षिका हैं. सरैयाचट्टी केवटा नदी श्मशान घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया. उनके पुत्र पीयूष पाठक ने उन्हें मुखाग्नि दी. उनकी तीन बेटियां भी हैं. उनके निधन पर बीआरपी-सीआरपी महासंघ, पारा शिक्षक संघ, झारखंड शिक्षा परियोजना और अधिवक्ताओं ने शोक जताया है.