रांची: झारखंड विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी अब विपक्ष की भूमिका में होगी. पार्टी में नेता प्रतिपक्ष के चयन को लेकर मंथन चल रहा है. कयास लगाया जा रहा है कि नीलकंठ सिंह मुंडा या सीपी सिंह में से किसी को यह जिम्मेवारी सौंपी जा सकती है.
जानकारी के मुताबिक करारी हार के बाद भाजपा झारखंड की जनता की भावनाओं का ख्याल करते हुए नेता प्रतिपक्ष बनाने में लगी है. नीलकंठ सिंह मुंडा रघुवर सरकार में संसदीय कार्य मंत्री की जिम्मेवारी संभाल चुके हैं. वे ग्रामीण विकास मंत्री भी थे. वे लगातार पांचवीं बार खूंटी विधानसभा से चुनाव जीते हैं. आदिवासी हैं. उन्हें प्रतिपक्ष का नेता बनाकर भाजपा राज्य के आदिवासियों को लुभा सकती है. उन्हें यह संदेश दे सकती है कि यह वर्ग हमेशा पार्टी की प्राथमिकता में रही है. हालांकि मुंडा शांत स्वाभाव के हैं. अधिक आक्रमक नहीं हो पाते हैं.
हर पार्टी चाहती है कि उनके प्रतिपक्ष के नेता विधानसभा में सत्ता पक्ष पर आक्रमक होते रहे. सीपी सिंह लगातार छठी बार विधानसभा का चुनाव जीते हैं. वे पार्टी के मुख्य सचेतक, विधानसभा अध्यक्ष से लेकर मंत्री तक रहे हैं. उनकी छवि आक्रमक नेता की है. विधानसभा के भीतर और बाहर उनकी इस छवि की खूब चर्चा होती रही है. कई बार मंत्री रहने हुए भी वे विपक्षी दलों के विधायकों पर हावी होते रहे हैं. हालांकि उनका आदिवासी नहीं होना उनके खिलाफ जाता है. बहरहाल, सरकार के बनने के साथ ही पार्टी विपक्ष के नेता का नाम तय कर देगी.